कमांद में उहल नदी पर कृत्रिम झील बनने से मकानों को खतरा, नदी में डाली कंक्रीट हटाने की उठाई मांग
मंडी, 5 सितंबर (हि.स.)। जिले के द्रंग विधानसभा हल्के में मंडी कटौला मार्ग पर कमांद में उहल नदी पर बने पुल की कंक्रीट पानी में जमा होने से वहां पर नदी में कृत्रिम झील बन गई है जिससे कमांद कस्बे की दुकानों व मकानों के लिए खतरा पैदा हो गया है। हिमाचल प्रदेश पर्यावरण रक्षक मंच के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सैणी ने बताया कि आइआइटी कमांद के पास ऊहल नदी पर नया पुल बनाया गया है जो कि लगभग तैयार हो चूका है । जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार सारे बजट का प्रावधान आइआइटी मंडी एट कंमाद द्वारा किया है। लेकिन पुल बनाती बार पुल के नीचे पक्का कंक्रीट डालने के कारण ऊहल नदी का बहाव रुक गया है जिसके कारण नदी में एक कृत्रिम झील बन गई है तथा नदी के पानी का स्तर ऊंचा हो गया है।
उन्होंने कहा कि यदि पीछे से नदी का पानी बढ़ता है तो रिहायशी मकानों व दुकानों को खतरा हो सकता है। इससे जान-माल को भी हानि व बड़ा हादसा हो सकता है। नदी में यहां पर टनों के हिसाब से गन्दी सिल्ट जमा हो चुकी है बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। अधिक सिल्ट के नदी में होने के कारण ट्राऊटए महाशीर व सनो प्रजाति की मछलियां जो इस नदी में हैं उनके प्रजनन केंद्र तबाह हो गए हैं। पर्यावरण का बहुत हानि हो रही है।
उन्होंने कहा कि बागी खड्ड जो कि कटौला के उपर से आती ऊहल नदी में मिलती है । भारी बारिश के कारण बागी खड्ड ने रास्ता बदल कर रिहायशी मकानों की तरफ हो गया है जिसके कारण और भी खतरा बढ़ गया है। जब पुल बन रहा था तो स्थानीय लोगों ने पुल के नीचे का कंक्रीट बन रहा था तो स्थानीय लोगों ने पुल के नीचे का कंक्रीट हटाने की मांग ठेकेदार से की थी। ठेकेदार ने विष्वास दिलाया था कि मैं पुल तैयार होते ही जेसीबी द्वारा कंक्रीट हटा दूंगाए लेकिन ठेकेदार चुपचाप हिसाब किताब करके दूसरी जगह चला गया। पर्यावरण रक्षक मंच ने इस दिशा में जरूरी कदम उठाने की मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा
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