शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा एक भी बच्चा : सुक्खू
शिमला, 10 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार प्रदेश में एक भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं रहने देगी। यह सरकार की वचनबद्धता है। मुख्यमंत्री मंगलवार को विधानसभा में लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम उठाए गए मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गुणात्मक शिक्षा की दिशा में गंंभीरता से सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में देश में 21वें स्थान पर पहुंच गया है, जो सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही स्पीति में बोर्डिंग स्कूल की शुरूआत करने जा रही है।
इससे पूर्व, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूलों का अन्य स्कूलों में विलय सरकार का साहसिक निर्णय है और इसके लिए मजबूत इच्छा शक्ति की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दो दशक में विद्यार्थियों के एनरोलमेंट में 5.13 लाख की भारी कमी आई है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि स्कूलों का विलय सिर्फ हिमाचल में नहीं हो रहा है, बल्कि पूरे देश में इस तरह का निर्णय लिया गया है। अभी तक देश में 76 हजार स्कूलों का विलय हो चुकी है और इसकी शुरूआत गुजरात से हुई है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक 26 हजार स्कूलों का विलय उत्तर प्रदेश में हुआ है, जबकि मध्य प्रदेश में 13 हजार, राजस्थान में 2135, छत्तीसगढ़ में 2918, उत्तराखंड में 1671 और हरियाणा में 623 स्कूलों का विलय दूसरे स्कूलों में किया जा चुका है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पीति में 12 प्राइमरी और एक मिडल स्कूल का अन्य स्कूलों में विलय हुआ है। रोहित ठाकुर ने कहा कि उनके अपने विधानसभा क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई में ही 19 स्कूलों का विलय किया गया है। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति के हंसा में स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या महज दो है, जबकि शिक्षकों की संख्या आठ है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला में इस समय सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 2100 है। इनके लिए 750 शिक्षक तैनात हैं। इस तरह जिले में तीन बच्चों के लिए एक शिक्षक नियुक्त हैं। उन्होंने कहा कि जिले की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए स्कूलों के विलय के मुद्दे पर सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
इससे पहले, विधायक अनुराधा राणा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से मामला उठाया कि “लाहौल स्पीति की विकट परिस्थितियों के मद्देनजर विद्यालयों के विलयकर्ण में रियायत दी जाए। उन्होंने कहा कि सर्दियों में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है और बच्चे दूर के स्कूलों में नहीं जा सकते। इसलिए सरकार को कम संख्या वाले स्कूलों से विद्यार्थियों को दूसरे स्कूलों को न शिफ्ट किया जाए और ये स्कूल चलने देने चाहिए
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा
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