आईजीएमसी मारपीट मामला: आरोपी डॉक्टर की सेवाएं समाप्त, मुख्यमंत्री बोले, ऐसा व्यवहार स्वीकार्य नहीं

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आईजीएमसी मारपीट मामला: आरोपी डॉक्टर की सेवाएं समाप्त, मुख्यमंत्री बोले, ऐसा व्यवहार स्वीकार्य नहीं


शिमला, 25 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में मरीज के साथ मारपीट के मामले में सुक्खू सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने आरोपी डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी हैं और उनका कॉन्ट्रैक्ट भी टर्मिनेट कर दिया गया है। इस कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ कहा है कि मरीज के साथ मारपीट जैसा व्यवहार किसी भी डॉक्टर को शोभा नहीं देता और ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

यह मामला 22 दिसंबर का है, जब आईजीएमसी में भर्ती एक मरीज के साथ डॉक्टर द्वारा मारपीट किए जाने का आरोप सामने आया था। घटना का वीडियो भी सामने आने के बाद मामला गंभीर हो गया। मुख्यमंत्री ने तुरंत आईजीएमसी प्रशासन से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की। जांच में डॉक्टर को दोषी पाया गया, जिसके बाद सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए उन्हें पद से हटा दिया।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरूवार को शिमला में कहा कि मरीज स्वस्थ होने की उम्मीद लेकर अस्पताल आता है। ऐसे में हालात चाहे जैसे भी हों, डॉक्टर से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा और उनके पक्ष को भी देख रही है और उनके काम के बोझ को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद अगर इस तरह की घटनाएं होती हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई तय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने के बाद सरकार को कड़ा निर्णय लेना पड़ा।

वहीं, इस मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि डॉक्टर और मरीज के बीच विश्वास का रिश्ता बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि प्रदेश में ऐसा माहौल क्यों बन रहा है और इस पर सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा डॉक्टर को पद से हटाए जाने के बाद इस पर ज्यादा टिप्पणी करना उचित नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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