बिके हुए पूर्व विधायकों के साथ नहीं भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ता : मुख्यमंत्री
नालागढ़, 01 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर के काले कारनामों के कारण नालागढ़ का नाम इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा। यह इतिहास में पहली घटना है कि निर्दलीय विधायक इस्तीफा देकर विधायक का ही चुनाव दोबारा लड़ रहे हैं। केएल बिके व्यापारी हैं, उन्होंने 14 महीने सारे काम करवाने के बावजूद कांग्रेस सरकार की पीठ में छुरा घोंपा है। कमल ख़रीदककर चुनाव लड़ रहे पूर्व निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ता नहीं हैं। वह बिके हुए विधायकों को भाजपा टिकट देने से निराश हैं।
मुख्यमंत्री ने ये बातें नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के किरपालपुर, रामशहर, नंड, स्वारघाट व गुरुकुंड में कांग्रेस उम्मीदवार हरदीप बाबा के समर्थन में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहीं।
ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि राज्यसभा के चुनाव के दौरान छह कांग्रेस विधायकों ने भी पार्टी को धोखा देकर भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया। वह भाजपा की राजनीतिक मंडी में बिक गए थे। राज्यसभा चुनाव के अगले दिन बजट पास होना था, लेकिन कांग्रेस के छह विधायक विधानसभा से गैरहाजिर रहे। उन्होंने भाजपा को अपना ईमान बेच दिया था। कांग्रेस विधायक व्हिप लागू होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिए गए, उसके बाद उपचुनाव हुआ जिसमें 6 में से 4 पूर्व विधायकों को जनता ने कड़ा सबक सिखाया और कांग्रेस को जीत दिलाई।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने बीते 5 साल जनता को धोखा दिया। जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री रहते सोए रहे और हमीरपुर अधीनस्थ चयन बोर्ड में पेपर बिकते गए। हमने सरकार बनने पर भ्रष्टाचार पर चोट की, भ्रष्टाचार के चोर दरवाजों को बंद करना शुरू किया। भ्रष्टाचार पर करारी चोट से छह कांग्रेस के और तीन निर्दलीय पूर्व विधायकों को भी इससे दिक्कत हुई। हमारी सरकार को गिराने की कोशिश की गई। जयराम ठाकुर और बिके हुए विधायकों ने पूरा जोर लगा लिया, लेकिन हमने 34 विधायकों के साथ मिलकर ऑपरेशन लोटस फेल कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केएल बिके के इस्तीफा देने से नालागढ़ का भाग्योदय हुआ है। हरदीप बाबा को जिताकर विधानसभा भेजिये इस विधानसभा क्षेत्र की सूरत बदल दी जाएगी। बाबा का बताया हर जायज काम होगा। 10 जुलाई को अपने की ताकत को बचाने के लिए मतदान करें। यह उप चुनाव भाजपा ने जनता पर थोपा, क्योंकि आपने निर्दलीय विधायक को 5 साल के लिए चुनकर भेजा था। उसने 14 महीने में ही इस्तीफ़ा क्यों दिया, क्योंकि ईमान बेचने के बाद उस पर इस्तीफा देने के लिए भाजपा का दबाव था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तुष्टिकरण की नहीं, जनता की सेवा की राजनीति करता हूं। भाजपा कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि यह चुनाव कांग्रेस व भाजपा के बीच नहीं, बल्कि बिके हुए विधायक व कांग्रेस के बीच है इसलिए कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करें। केएल ठाकुर तो अपने क्रशर की एनओसी के लिए आज भी लगे हैं, उन्हें जनहित से कोई लेनादेना नहीं है। ज्यादा पैसों वालों की जल्दी बुद्धि भ्रष्ट होती है, केएल इसके उदाहरण हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील/उज्जवल
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।