गगल हवाई अड्डे के विस्थापितों को मिलेगा पूरा मुआवजा : सुक्खू

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गगल हवाई अड्डे के विस्थापितों को मिलेगा पूरा मुआवजा : सुक्खू


शिमला, 4 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण करते समय लोगों को पर्याप्त मुआवजा मिले क्योंकि यह कांगड़ा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। मुख्यमंत्री बुधवार को विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान सुधीर शर्मा और केवल पठानिया के संयुक्त सवाल के जबाब में कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गग्गल हवाई अड्डे का विस्तार करना सबसे आसान था, इसलिए सरकार इस पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि मंडी के बल्ह में भी हवाई अड्डा स्थापित किया जाए। पर्यटन हमारी सरकार की प्राथमिकता है और हमने योजनाएँ तैयार की हैं और रोहड़ू में चंचल, सिरमौर में चूड़धार, चम्बा में साच पास और अन्य क्षेत्रों में अनछुए स्थलों का विकास किया जाएगा।

सुक्खू ने कहा कि मंडी हवाई अड्डे के लिए 15वें वित्त आयोग द्वारा 1000 करोड़ रुपये के आवंटन को केंद्र द्वारा कहीं भी प्रतिबिंबित नहीं किया गया है। सीएम ने कहा कि उन्होंने पीएम के साथ बल्ह हवाई अड्डे का मुद्दा उठाया, लेकिन पिछली भाजपा सरकार ने 4000 करोड़ रुपये के बल्ह हवाई अड्डे की परियोजना के लिए एएआई को केवल एक करोड़ रुपये की इक्विटी प्रदान की। उन्होंने कहा कि 400 करोड़ रुपये की लागत वाले अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर परियोजना के लिए अभी तक एडीबी के साथ कोई समझौता नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मंडी के कुलाधार में 600 बीघा जमीन है, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला को पर्यटन राजधानी घोषित करने की घोषणा कांगड़ा जिले के लोगों को लुभाने के लिए की गई है। ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला के लिए हेली टैक्सी सेवा बंद कर दी गई है और हवाई रोपवे स्थापित करने में कोई प्रगति नहीं हुई है।

विपक्ष के नेता की आशंकाओं को दूर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबा और रक्कड़ हेलीपोर्ट के लिए 13-13 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। सुखू ने कहा कि उड़ान योजना के तहत बनाए गए हेलीपोर्ट चेक इन और चेक आउट सुविधाएं बनने के बाद ही शुरू किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को ढली हेलीपोर्ट के लिए अनुमति लेने में संघर्ष करना पड़ा, जबकि बद्दी, रामपुर हेलीपोर्ट तैयार हैं।

मूल प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कांगड़ा को टूरिस्ट कैपिटल बनाने की दिशा में काम कर रही है जिसकी अगले बजट में झलक दिखेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा जिला को टूरिज्म कैपिटल बनाने के लिए कार्य शुरू हो गया है। इसके तहत बनखंडी में जू बनेगा और इसके लिए जरूरी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। 610 करोड़ रुपए से वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का जू बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन सरकार की पहली प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने के लिए पहले वहां आधारभूत ढांचे को विकसित करना जरूरी है। वहां पर लैंड बैंक तैयार किया जा रहा है क्योंकि तभी निवेशक आएंगे। इसके बाद गाइडलाइन बनाई जाएगी।

विधायक हंस राज ने कहा कि कांगड़ा के साथ साथ चंबा को भी पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में कई अनछुए स्थान हैं और उन्हें पर्यटन के लिए विकसित करने की सरकार की कोशिश है। उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता पर्यटन है और इसके लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच साल में सरकार पर्यटन क्षेत्र में बहुत अधिक राशि खर्च करने जा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल का काम शब्दों तक सीमित न हो। उन्होंने पूछा कि जमीनी स्तर पर क्या काम हुआ है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में शुरू हुई हेली टैक्सी सेवा बंद पड़ी है। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री कांगड़ा एयरपोर्ट के सेक्शन 21 की अधिसूचना कब तक जारी करेंगे और कब जमीन का अधिग्रहण होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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