लंका दहन के साथ संपन्न हुआ कुल्लू दशहरा
कुल्लू, 19 अक्टूबर (हि.स.)। लंका दहन के साथ विश्व का सबसे बड़ा देव महाकुंभ सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा संपन्न हो गया है। देवताओं के इस महाकुंभ में हजारों लोगों सहित सैंकड़ों देवी-देवतााओं ने भी डुबकी लगाई। उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में दशहरा उत्सव का विधिवत समापन किया। विश्व के सबसे बड़े देव महाकुंभ एवं अनूठी परंपराओं का संगम कुल्लू दशहरा पर्व में रघुनाथ की रथ यात्रा के बाद विधिवत रूप से लंका दहन के नजारे के हजारों लोग गवाही बने।
सात दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ में सैंकड़ों देवी-देवताओं के साथ रघुनाथ जी ने लंका पर चढ़ाई कर रावण परिवार के साथ बुराई का भी अंत किया है। लंका चढ़ाई के लिए हुई रथ यात्रा में यहां पहुंचे सभी देवी-देवताओं ने भाग लिया। लंका दहन के साथ ही अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का समापन हुआ। गोबर के बने रावण मेघनाथ व कुंभकर्ण को तीर से भेदने के बाद लंका में आग लगाई गई।
रथयात्रा में देवी हडिंबा के आते ही यात्रा का शुभारंभ हुआ। भगवान रघुनाथ जी की रथ यात्रा आरंभ होते ही जयाकारों के उदघोषोंं व वाद्ययंत्रों से सारा वातावरण कुछ क्षणों के लिए गुजायमान हो गया। रथयात्रा पूरी होने पर रथ को ढालपुर मैदान से रथ मैदान तक लाया गया जहां से रघुनाथ जी की प्रतिमा को कुल्लवी वाद्ययंत्रों के साथ रघुनाथ मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / जसपाल सिंह
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