व्यापार आसान करने के नाम पर मज़दूरों का शोषण कर रही है केंद्र सरकार: सीटू
मंडी, 07 दिसंबर (हि.स.)। सीटू हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी की बैठक आज मंडी में कॉमरेड तारा चंद भवन में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मैहरा ने की जिसमें आंगनबाड़ी, मिड डे मील, निर्माण, मनरेगा, एसटीपी, एंबुलेंस कर्मचारी, हाईडल, सड़क, आउटसोर्स वर्करज यूनियनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने 21 नवंबर को चार लेबर कोड लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है जिसमें श्रम क़ानूनों के तहत आज़ादी से पहले औऱ बाद में 28 विभिन्न कानूनों के तहत मिले अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है और बड़ी कंपनियों और पूंजीपतियों को मज़दूरों को लूटने के लिए खुली छूट दे दी गई है। इन श्रम कोडों के लागू होने पर अब मज़दूरों को नॉकरी से निकालने की कम्पनियों का रास्ता साफ कर दिया गया है। अब श्रम न्यायालयों को ख़त्म कर दिया गया है और विभाग के अधिकारी किसी भी प्रकार के निर्णय मज़दूरों के पक्ष में नहीं ले सकेंगे और उनकी भूमिका अब निरीक्षक की जगह फेसीलिटेटर की ही होगी।यूनियन रजिस्ट्रेशन के लिए कुल मज़दूरों का इक्यावन प्रतिशत सदस्य्ता होने की शर्त रखी गई है और यूनियनों को रद्द करने का अधिकार बढ़ा दिया गया है। जिससे कंपनियां अपनी मनमर्ज़ी से मज़दूरों को काम पर रखेंगी और निकालेंगी।इ
सके अलावा केंद्र सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है और एयरलाइंस, कोयला खदानों व अन्य सार्वजनिक क्षेत्र को निजी क्षेत्र में देने की मुहिम तेज़ हो गई है और कई राज्यों में जल जंगल और ज़मीन बड़े बड़े पूंजीपतियों को दिए जा रहे हैं। यही कारण है कि ईंन श्रम कोडों का कंपनियां और पूंजीपति स्वागत कर रहे हैं।श्रम क़ानूनों को रद्द करके लागू किए गए कोडों के विरोध में प्रदेशव्यापी अभियान और संघर्ष छेड़ने का निर्णय लिया गया और 19 दिसंबर को ज़िला स्तर पर इसके खिलाफ़ प्रदर्शन किए जाएंगे।इसके अलावा 10 दिसंबर को आंगनवाड़ी वर्करज यूनियन अपनी मांगों को लेकर सभी ज़िला व परियोजना स्तर पर प्रदर्शन करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

