हिमाचल में विधानसभा उपचुनाव का बोझ डालने के लिए कांग्रेस जिम्मेदार: सतपाल सिंह सत्ती
शिमला, 11 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों हमीरपुर, देहरा और नालागढ़ में होने वाले उपचुनाव को लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों दल उपचुनाव के बोझ के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक सतपाल सत्ती ने कांग्रेस सरकार और उनके नेताओं को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस के नेताओं की नीयत साफ होती और सरकार में दम होता तो समय रहते तीन निर्दलियों विधायकों का इस्तीफा मंजूर करते। इसके विपरीत कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक षड्यंत्र के अंतर्गत इस्तीफे तो लटकने का काम किया और ठीक लोकसभा चुनाव खत्म होने से पूर्व निर्दलियों का इस्तीफा मंजूर किया। ऐसा प्रतीत होता है कि विधानसभा के अध्यक्ष सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर पहले ही तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया होता तो आज सरकार के ऊपर चुनावी आर्थिक बोझ ना पड़ता। अब कांग्रेस के नेता जो मर्जी बयानबाजी कर ले पर सच्चाई तो यह है कि चुनाव अगले महीने है और चुनाव का खर्चा सरकार के ऊपर पढ़ना तय है।
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि कांग्रेस चुनावी पिच पर वीक विकेट पर है। लोकसभा चुनावों में 61 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हारने के बाद सरकार बैक फुट पर है। यह सरकार के मुखिया और उनके सहयोगियों को भी पता है।
सत्ती ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी ने नेता लोक सभा में भाजपा की चुनावी लीड देख लेंगे तो उनको पता चल जाएगा की उपचुनावों में जीत किसको मिलेंगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई है। भाजपा ने चारों लोकसभा सीटें अपने खाते में डाली हैं। हॉट सीट मंडी से कंगना रणौत, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और शिमला में सुरेश कश्यप ने जीत हासिल की है। साल 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी।
हिन्दुस्थान समाचार/उज्जवल/सुनील
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