नेशनल हाईवे-707 बना खतरे का मार्ग, शिलाई क्षेत्र के 100 गांवों का टूटा संपर्क, अवैध ब्लास्टिंग पर उठे सवाल

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नाहन, 5 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में पांवटा से शिलाई को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 707 इन दिनों विकास के बजाय विनाश का प्रतीक बनता जा रहा है। इस मार्ग पर निर्माण कार्य कर रही फेस-3 कंपनी की ओर से की जा रही अवैध ब्लास्टिंग ने न केवल पहाड़ों की स्थिरता और शांति को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि स्थानीय लोगों की जिंदगियों को भी खतरे में डाल दिया है।

पिछले सात दिनों में इस मार्ग पर तीन बड़े भूस्खलन हो चुके हैं, जिनमें से एक के चलते पूरी सड़क मलबे में दब गई। इस गंभीर घटना के चलते शिलाई क्षेत्र के लगभग 100 गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। आवाजाही बंद होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं किसानों और बागवानों को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि उनकी सब्जियां और अन्य कृषि उत्पाद समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने इस स्थिति को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। लोगों का कहना है कि जिस तरह से बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों और वैज्ञानिक जांच के ब्लास्टिंग की जा रही है, वह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि आम जनता की जान-माल से खिलवाड़ भी है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शिलाई के एसडीएम शुक्रवार देर रात मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। एसडीएम ने जानकारी दी कि संबंधित कंपनी को नोटिस जारी किया जा रहा है और मामले की गहन जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि जनसुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर

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