हरियाणा विधानसभा में ड्रेस कोड लागू होने से बदला सदन का स्वरूप
चंडीगढ़, 26 फरवरी (हि.स.)। चालू बजट सत्र में हरियाणा विधानसभा की रंगत बदली नजर आ रही है। इस बार सेवारत विधानसभा के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी तक के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। कर्मचारियों का यह ड्रेस कोड अनुशासन, कर्तव्यपरायणता, सजगता और टीम भावना का संदेश दे रहा है।
हरियाणा विधानसभा में मीडिया एवं संचार अधिकारी दिनेश कुमार ने सोमवार को बताया कि अनुशासन के प्रति कड़ा आग्रह रखने वाले विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के विशेष प्रयास से सदन में ड्रेस कोड संभव हो सका है। उन्होंने बताया कि इससे पहले संसद में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए ड्रेस निर्धारित की गई हैं लेकिन वहां भी पूरे स्टाफ के लिए ड्रेस कोड लागू नहीं है। सत्र के दौरान सदन में ड्यूटी देने वाले ऑफिस टेबल के अधिकारी, रिपोर्टर स्टाफ, सुरक्षा कर्मियों और सदन में सेवारत सहायक स्टाफ के लिए ही ड्रेस लागू है। दिनेंश कुमार ने बताया कि हरियाणा विधानसभा में ड्रेस कोड कर्मचारियों की श्रेणी के अनुसार निर्धारित की गई है। ग्रुप ए के अधिकारी गर्मियों में फॉर्मल पैंट-शर्ट के साथ टाई तथा सर्दियों में ब्लेजर भी डालेंगे। यह अधिकारी वर्दी का खर्च स्वयं वहन करते हैं। ग्रुप बी के पुरुष अधिकारी गर्मियों में सफेद कमीज और ग्रे रंग की पेन्ट पहनेंगे। सर्दियों में इसके साथ ग्रे रंग का ब्लेजर, प्लेन नेवी ब्लू रंग की टाई तय की गई है। इस श्रेणी समूह की महिला अधिकारी गर्मियों में पूरा लीफ ग्रीन रंग का सूट दुपट्टा डालेंगी तथा सर्दियों में इसके साथ बेज रंग का ब्लेजर या कार्डिगन पहन सकेंगी।
उन्होंने ग्रुप सी के पुरुष कर्मचारियों के गर्मियों में ऑफवाइट रंग की कमीज व ग्रे ब्लू रंग की पेन्ट निर्धारित की गई है। सर्दियों में ये कर्मचारी ग्रे ब्लू रंग का ब्लेजर भी पहनेंगे। महिला कर्मचारी गर्मियों में स्काई ब्लू रंग का सूट/दुपट्टा तथा सर्दियों में इसके साथ बेज रंग का ब्लेजर/कार्डिगन डालेंगी। ग्रुप डी के कर्मचारी ब्लैक ग्रे के रंग की पैंट-कमीज तथा सर्दियों में इसके साथ नेवी ब्लू रंग का स्वेटर डालेंगे।
पुरुष सीनियर प्रतिवेदक एवं प्रतिवेदक बंद गले वाला ब्लू रंग का सूट डालेंगे तथा महिला स्टाफ लाइट ब्लू रंग की साड़ी या सूट के साथ ब्लू रंग का ब्लेजर/ कार्डिगन पहनेंगी। सभी अधिकारी, कर्मचारियों के लिए फॉर्मल काले रंग के जूते तय किए गए हैं, जो वे अपने खर्च से खरीदेंगे। महिला स्टाफ को कुछ छूट देते हुए कहा गया है कि वे सूट और सलवार की जगह उसी रंग की साड़ी भी पहन सकती हैं। अगर कोई महिला साड़ी पहनना चाहेगी तो उसे अपने खर्च से खरीदनी होगी। जो भी अधिकारी/कर्मचारी पगड़ी पहनते हैं वे नेवी ब्लू रंग की पगड़ी पहनेंगे।
दिनेश कुमार ने बताया कि ज्ञान चंद गुप्ता ने 4 नवंबर 2019 में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद से अनेक अभिनव प्रयोग व नूतन परम्पराएं शुरू की हैं। इन प्रयोगों और परम्पराओं से विधानसभा के सचिवालय से लेकर सदन तक की कार्यप्रणाली में आमूलचूल सुधार हुए हैं। डिजीटलाइजेशन के दौर में विधानसभा की कार्य-प्रणाली को पेपरलैस किया जा चुका है। इससे न केवल कार्यप्रणाली त्वरित हुई, बल्कि उसमें पारदर्शिता भी आई।
उन्हाेंने बताया कि केंद्र सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय की नेवा (नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन) परियोजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। यहां डिजीटल माध्यम से सदन की कार्यवाही चलाई जा रही है। डिजीटलाइजेशन से जहां विधायी कामकाज उत्कृष्टता से हुआ, वहीं सरकारी धन की बचत भी हुई। इससे 98 फीसदी तक कागज की बचत हुई और विधानसभा को सालाना करीब 5 से 6 करोड़ रुपये की भी बचत हो रही है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता का कहना है कि विधायिका सीधे तौर पर जनता के प्रति जवाबदेह है। इसके लिए विधानसभा के सत्रों का टेलिविजन चैनलों के माध्यम से सीधा प्रसारण शुरू करवाया। हरियाणा विधानसभा ने अपने गठन के 56 वर्ष बाद पूरा कामकाज हिन्दी में शुरू किया है। इससे पहले विधानसभा का कामकाज अंग्रेजी भाषा में होता था।
संचार अधिकारी कुमार ने बताया कि विधानसभा सचिवालय में अनुशासन स्थापित करने के लिए ज्ञान चंद गुप्ता कई अभिनव प्रयोग कर चुके हैं। इनमें बायोमेट्रिक उपस्थिति, मूवमेंट रजिस्टर, सभी कर्मचारियों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य करना शामिल है। सुरक्षा प्रहरी स्टाफ के लिए पहले ही ड्रेस कोर्ड अनिवार्य हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ संजीव
/सुनील
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