सिरसा: विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृतिक एवं बौद्धिक विरासत से जोडऩा समय की मांग

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सिरसा: विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृतिक एवं बौद्धिक विरासत से जोडऩा समय की मांग


सिरसा, 18 दिसंबर (हि.स.)। चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलपति प्रो. विजय कुमार ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा हमारी शिक्षा प्रणाली की आत्मा है। संस्कृत जैसे मूलभूत विषयों के माध्यम से विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृतिक एवं बौद्धिक विरासत से जोडऩा समय की आवश्यकता है। कुलपति प्रो. विजय कुमार गुरुवार को सीडीएलयू में शोभा देवी रामानंद बसंल भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र की सलाहकार बोर्ड की बैठक को संबोधित कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि यह केंद्र न केवल अकादमिक शोध को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा को समकालीन संदर्भों से जोडऩे में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने निदेशक को निर्देश दिए कि इस केंद्र के माध्यम से क्षेत्र की सामाजिक समस्याओं को पहचान कर उनके निवारण की जागरूकता के साथ-साथ परंपरागत ज्ञान प्रणाली से समाज को अवगत भी करवाना होगा।

कुलपति ने कहा कि मोबाइल के एडिक्शन से पीडि़त विद्यार्थियों को मोबाइल के चुंगल से निकलकर बेहतर नागरिक बनाना होगा। बचपन लौटाओ 16 वर्ष से नीचे कोई बच्चा मोबाइल का प्रयोग नहीं करेगा जैसे नारों के माध्यम से जनजागरण करना आज समय की मांग है। हिमाचल प्रदेश, सेंट्रल यूनिवर्सिटी कांगड़ा से प्रो. भाग चंद चौहान ने भारतीय ज्ञान प्रणाली बेस्ड शोध प्रोजेक्ट्स तैयार करने के साथ-साथ लुप्त होती संस्कृति के लिए कार्य करने पर जोर दिया। बैठक में शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. सुशील कुमार, केंद्र की निदेशक डॉ. संजू बाला, प्रो. पंकज शर्मा, जेएनयू नई दिल्ली के प्रो. मनीष कश्यप, शोभा देवी रामानंद बंसल फाउंडेशन की तरफ से डॉ कुमुद बंसल व अरविंद बंसल आदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma

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