राेहतक: हिंदी भाषा में रोजगार की अपार संभावनाएं : डॉ. संतराम
जाट कॉलेज में हिंदी भाषा और रोजगार के अवसर पर विषय पर सेमिनार का आयोजन
रोहतक, 12 सितंबर (हि.स.)। जाट कॉलेज में हिंदी भाषा और रोजगार के अवसर पर विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यवक्ता सेवानिवृत प्रो. डॉ. संतराम ने कहा कि हिंदी में लेखन करके विद्यार्थी बहुत ही बेहतरीन रोजगार पा सकते हैं। हिंदी आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 180 देशों में बोली जाने वाली भाषा बन गई है। उन्होंने कहा कि हिंदी लेखन के कार्य से जुडक़र विद्यार्थी कई प्रकार के करियर से जुड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वे विशेष तौर पर इस कार्य के लिए प्रयासरत हैं कि हमारी बोली हरियाणवी को राज्य भाषा का दर्जा मिले। हरियाणवी को राजभाषा का दर्जा दिलवाना उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए एक समिति का गठन भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी लेखन में जितना पारंगत होंगे, उतना ही उनकी भाषा में निखार आएगा। हिंदी भाषा सीखकर रचनात्मक लेखन करके विद्यार्थी समाचार पत्रों, विज्ञापन एजेंसियों, सरकारी कार्यालयों और प्राइवेट सेक्टरों में बहुत अच्छा रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर जाट शिक्षण संस्था के प्रधान गुलाब सिंह दिमाना ने कहा कि हमारी मातृभाषा हिंदी आज विश्व स्तर पर एक विशेष पहचान रखती है। हिंदी बोलकर व लिखकर विद्यार्थी इसमें अनेकों रोजगार पा सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि हिंदी भाषा पर मजबूत पकड़ के साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी पारंगत बनें। प्राचार्या डॉ. शबनम राठी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण और विकास में अति महत्वपूर्ण योगदान उसकी मातृभाषा का होता है, क्योंकि बच्चे को बचपन से ही मातृभाषा के संस्कार प्राप्त होते है। भारत में हिंदी भाषा को मातृ भाषा का दर्जा दिया गया है। इस अवसर पर डॉ. सरोज बाला, डॉ. राजबाला देशवाल, डॉ. सरोज नारा, डॉ. गीतांजलि, डॉ. नीरा, डॉ. सुनीता ढुल, डॉ. रितु, डॉ. रेखा सहारण, डॉ. सीमा सहित विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिल
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