कला, संस्कृतिक एवं पंरपराओं को सहेजने का मंच होते युवा समारोह:वंदना बिश्नोई

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कला, संस्कृतिक एवं पंरपराओं को सहेजने का मंच होते युवा समारोह:वंदना बिश्नोई


कला, संस्कृतिक एवं पंरपराओं को सहेजने का मंच होते युवा समारोह:वंदना बिश्नोई


हिसार, 29 अक्टूबर (हि.स.)। गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रथम महिला एवं प्रतिष्ठित शिक्षाविद् डा. वंदना बिश्नोई ने कहा है कि युवा समारोह कला और संस्कृति का एक अत्यंत अनूठा संगम होता है। यह परंपराओं को को सहेजना एक मंच भी है।

डॉ. वंदना बिश्नोई रविवार को गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के 11वें इंटर जोनल यूथ फेस्टिवल आयोजन के दूसरे दिन के कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थीं। संगीतज्ञ डा. मुदिता वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रही।

विश्वविद्यालय के चौ. रणबीर सिंह सभागार के मुख्य हॉल में हो रहे कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डा. वंदना बिश्नोई ने कहा कि विद्यार्थी इसके माध्यम से अपनी सांस्कृतिक एवं अभिव्यक्ति कौशल प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। विद्यार्थियों की यह प्रतिभा उनके जीवन में सफलता के लिए अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि यूथ फेस्टिवल की नृत्य, संगीत, नाट्य, साहित्यिक तथा ललित कलाओं से संबंधित सभी विधाएं मानव के जीवन में खुशी, शांति, बौद्धिक कौशल तथा कला के सौंदर्य को प्रकट करती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यह उनके जीवन का स्वर्ण काल है इसे सहेजे तथा राष्ट्र व समाज के निर्माण में लगाएं।

डा. मुदिता ने अपने संबोधन में कहा कि कोई भी राष्ट्र युवाओं के माध्यम से प्रगति करता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपनी ऊर्जा का सकारात्मक प्रयोग करें। साथ ही उन्होंने अनुशासन को भी सफलता के अति आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि युवा समारोह विद्यार्थियों की प्रतिभा को दिखाने के लिए अत्यंत उपयोगी मंच होते हैं। निदेशक कल्चरल अफेयरर्ज डा. हिमानी शर्मा ने अपने स्वागत संबोधन में दूसरे दिन होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. योगश छाबा भी उपस्थित रहे।

दूसरे दिन के प्रथम सत्र में मेन हॉल में हरियाणवीं ऑर्केस्ट्रा, इंडियन क्लासिकल ऑर्केस्ट्रा, कव्वाली तथा हरियाणवीं तथा हिंदी स्किट की विधाएं हुई। जबकि शिक्षण खंड चार के सेमीनार हॉल की स्टेच पर क्लासिकल इंस्ट्रूमेंटल सोलो (प्रक्यूशन) क्लासिकल इंस्ट्रूमेंटल सोलो (नॉन प्रक्यूशन), क्लासिकल वोकल सोलो तथा वेर्स्टन वोकल सोलो की विधाएं हुई जबकि सभागार के हॉल नम्बर एक में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हुई।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर

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