फरीदाबाद के यंगेस्ट साइंटिस्ट जाएंगे नासा,चंद्रयान रॉबर प्रोजेक्ट का देंगे प्रजेंटेंशन

फरीदाबाद के यंगेस्ट साइंटिस्ट जाएंगे नासा,चंद्रयान रॉबर प्रोजेक्ट का देंगे प्रजेंटेंशन
WhatsApp Channel Join Now
फरीदाबाद के यंगेस्ट साइंटिस्ट जाएंगे नासा,चंद्रयान रॉबर प्रोजेक्ट का देंगे प्रजेंटेंशन


फरीदाबाद, 9 मार्च (हि.स.)। फरीदाबाद में रह रहे बिहार के भागलपुर जिले के छोटे से गांव धूर्वगंज के रहने वाले देश के सबसे यंगेस्ट साइंटिस्ट गोपाल के साथ देश के अलग अलग राज्यों से 13 स्कूली बच्चे नासा के एक प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने के लिए अप्रैल में भारत से अमेरिका जाएंगे।

बता दें कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन अमेरिकी सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है। यह सिविलियन स्पेस प्रोग्राम के साथ एरोनॉटिकल्स और स्पेस रिसर्च के लिए काम करती है। बिहार के रहने वाले देश के सबसे यंगेस्ट साइंटिस्ट गोपाल जी (उम्र मात्र 23 वर्ष) बताते हैं कि वह पल्स एंड पेपर इंडस्ट्रीज में के साइंटिस्ट के पद पर काम कर रहे हैं। जिस प्रकार से ओलंपिक होता है उसी प्रकार से नासा एक इंटरनेशनल इवेंट करती है जिसे एचईआरसी (ह्यूमन एकस्प्रोलेशन रोवर चेलेंज) कहते हैं। यह इवेंट दुनियाभर के लिए ओपन होता है। इसमें नासा पूरी दुनिया के बच्चों को रोवर बनाने के लिए कहती है। इस साल पूरी दुनिया के 30 हाई स्कूल टीम और कुल 72 टीमों का चयन हुआ है, जिनमें 42 यूनिवर्सिटी लेवल की टीम में है। जिन टीमों का चयन हुआ है उनमें से एक टीम उनकी है।

रोवर बनाए जाने के चलते उनकी टीम का सिलेक्शन हुआ है। इस टीम का नाम टीम काइजल वाईएमआरडी और संस्था का नाम है यंग माइंडरिसर्च एंड डेवलपमेंट है। इस संस्था के संथापक खुद गोपाल जी हैं। गोपाल जी ने बताया कि इस बार उनकी टीम में भारत के अलग-अलग राज्यों से कुल 13 बच्चे सेलेक्ट हुए हैं। जिनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, भुवनेश्वर, अमरावती, दिल्ली एनसीआर से बच्चे चयनित हुए हैं। टीम 16 अप्रैल 2024 को नासा के लिए भारत से रवाना होंगी। जहां पर 19 और 20 अप्रैल को इवेंट होने जा रहा है। यंगेस्ट साइंटिस्ट गोपाल जी ने बताया कि उनकी संस्था यंग माइंड रिसर्च एंड डेवलपमेंट एक एनजीओ है, जो रिसर्च एवं डेवलपमेंट के लिए काम करती है। इस संस्था मुख्य उद्देश्य उन बच्चों की मदद करना है, जो इन्नोवेटिव, इनोवेशन और कोई रिसर्च है। संस्था द्वारा होनहार बच्चों को आर्थिक मदद से लेकर अन्य प्रकार की कोई मदद की जाती है। उनके रिसर्च को पैटर्न करने में पब्लिश करने में जो भी मदद होती है। जो बच्चा इस तरह के कंपटीशन में भाग लेना चाहता है उनकी संस्था ऐसे बच्चों को मदद करती है।

हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story