फरीदाबाद में युवक की हत्या कर बोरे में डाली लाश, दो आरोपी गिरफ्तार

WhatsApp Channel Join Now

फरीदाबाद, 7 अप्रैल (हि.स.)। फरीदाबाद में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। फिर उसकी लाश को बोरे में डालकर अनाथ आश्रम के पीछे खेतों में फेंक दिया। इसके बाद हत्यारों ने युवक के पिता को फोन कर कहा कि उसके बेटे की लाश आश्रम के पीछे बोरे में पड़ी है, वहां से उठाकर ले जाओ। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के बीके अस्पताल भिजवा दिया है। फिलहाल दो आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पुलिस की शुरुआती जांच में मामला लडक़ी से छेड़छाड़ के विरोध में हुए झगड़े के बाद हत्या का सामने आया है। गांव खेड़ी निवासी युवक संजय ने बताया कि उसका भाई करण 4 अप्रैल को दिन में घर से गया था। इसके बाद वह घर नहीं लौटा। रात में परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन पता नहीं चला। पांच अप्रैल को भी उसका कही पता नहीं चला। इससे परिजनों की टेंशन बढ़ गई। पुलिस से भी संपर्क किया गया। परिजनों ने उसकी सभी रिश्तेदारों और उसके मिलने के संभावित स्थानों पर तलाश की, लेकिन करण का कोई अता पता नहीं चला। संजय ने बताया कि भाई करण की तलाश जारी थी। वह दो दिन से लापता था, इससे परिवार चिंतित था। रविवार को उसके पिता को राकेश नाम के युवक की कॉल आई। कहा कि करण ही हत्या कर दी गई है और उसका शव अनाथ आश्रम के पीछे खेतों में पड़ा हुआ है। यह सुनते परिवार के होश उड़ गए। तुरंत ही परिजन वहां पहुंचे तो करण की लाश बोरे में बंद कर वहां पड़ी मिली। मामले की सूचना बीपीटीपी थाना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में ले ले लिया। करण के भाई संजय ने बताया कि गांव के ही तीन युवकों ने उसके भाई की हत्या की है। कुछ दिन पहले घर आकर करण को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। पुलिस ने संजय की सूचना के आधार पर गांव के ही दीपक और उसके मौसेरे भाई नीरज को हिरासत में ले लिया, तीसरे युवक राकेश का पता किया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि प्राथमिक जांच में मामला छेड़छाड़ से जुड़ा है। विवाद क्या था और कब हुआ, इसके बारे में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। संजय ने आगे बताया कि उसका भाई करण मजदूरी करता था। ज्यादा पढ़ा लिखा भी नहीं था। गांव के लोगों ने उसका नाम बिच्छू रखा हुआ था। करण नाम से उसे कोई नहीं बुलाता था, सब बिच्छू ही कहते थे। यह नाम क्यों रखा, इस सवाल पर संजय ने बताया कि उसे नहीं पता, बस गांव वालों ने ही उसे बिच्छू कहना शुरू कर दिया था।

हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर

Share this story

News Hub