रोहतक: मौत से तो हारी पर दो लोगों को जिंदगी व दो लोगों का जीवन रोशन कर गई महिला

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रोहतक: मौत से तो हारी पर दो लोगों को जिंदगी व दो लोगों का जीवन रोशन कर गई महिला


पीजीआई रोहतक में हुआ दूसरा अंगदान, प्रदेश के लिए महिला का परिवार बना मिशाल

बैंगलोर, आईएलबीएस नई दिल्ली से टीमें पीजीआई अंग लेने पहुंची, लीवर, किडनी व आंखें की दान

रोहतक , 21 अप्रैल (हि.स.)। पीजीआईएमएस रोहतक में ऑर्गन डोनेशन का दूसरा उदाहरण सामने आया है। रोहतक निवासी करीब 60 वर्षीय ब्रेन डेड महिला के परिजनों ने उनके ऑर्गन्स डोनेट किए हैं। देश सेवा से जुड़े परिवार ने ब्रेन डेड हो चुकी महिला के अंगदान का फैसला लिया। दो लोगों को जीवनदान के साथ दो लोगों के जीवन में नेत्र दान से रोशनी देकर पूरे प्रदेश में अंगदान की अलख जगा दी।

रोहतक में रह रहे रिटायर्ड कर्नल ने बताया कि करीब 60 वर्षीय उनकी पत्नी को ब्रेन हेमरेज होने के चलते पीजीआईएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग में डॉ ईश्वर सिंह की निगरानी में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। डॉ. ईश्वर ने इलाज के बाद पाया कि मरीज ब्रेन डेड लग रही है। ऐसे में उन्होंने डेथ सर्टिफिकेट कमेटी को अपना अलर्ट भेजा। इस पर निदेशक डॉ. एस. एस. लोहचब व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल ने तुरंत प्रभाव से कमेटी बनाकर मरीज की क्लीनिकल जांच और परीक्षण समेत सभी मेडिकल जांच करने के आदेश दिए। जिसमें कमेटी ने पाया कि मरीज ब्रेन डेड हो चुकी है। मरीज के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद डॉ. ईश्वर व सोटो की टीम ने परिवार को अंगदान के बारे में बताया। इस पर महिला के पति, बेटे व बेटी ने अपनी मां की यादों को जिंदा रखने का फैसला लिया। किडनी, लीवर, फेफड़े व आंखें दान करने की सहमति प्रदान की। कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना ने कहा कि ऐसा परिवार बहुत ही बधाई का पात्र है जिन्होंने दो लोगों को नया जीवन दान दिया है।

रोहतक से दिल्ली तक बना ग्रीन कॉरिडोर

पीजीआइएमएस निदेशक डॉ. एस. एस. लोहचब ने बताया कि पीजीआईएमएस ने दूसरी बार अंगदान करवाया गया है। ऐसे में बैंगलोर, आईएलबीएस नई दिल्ली से टीमें अंग लेने के लिए पहुंची थी। उन्होंने बताया कि शरीर से अंग निकालने के बाद उसकी कुछ घंटे की मियाद होती है। जिसके अंदर अंग को किसी अन्य शरीर में लगाना होता है। अन्यथा वह अंग खराब हो जाता है। ऐसे में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से संपर्क किया गया तो उन्होंने बिना किसी देरी के तुरंत प्रभाव से रोहतक से दिल्ली तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार करवा दिया। पीजीआई से दिल्ली तक पहुंचने में कई बार करीब तीन से चार घंटे लग जाते हैं, लेकिन रोहतक पुलिस की मदद से एम्बुलेंस लिवर को लेकर डेढ़ घंटे से भी कम समय में दिल्ली पहुंच गई। चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कुंदन मित्तल ने बताया कि दोनों किडनी पीजीआई में चिकित्सकीय कारणों से एक ही मरीज को लगाई गईं।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/संजीव

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