हिसार: फोटोनिक्स तथा मेटीरियल साइंस में असीमित संभावनाएं: नरसी राम बिश्नोई

हिसार: फोटोनिक्स तथा मेटीरियल साइंस में असीमित संभावनाएं: नरसी राम बिश्नोई
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हिसार: फोटोनिक्स तथा मेटीरियल साइंस में असीमित संभावनाएं: नरसी राम बिश्नोई


दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार, नवाचार तथा रोजगार की अपार संभावनाएं

हिसार, 14 मार्च (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि फोटोनिक्स एंड मेटीरियल साइंस विकसित भारत के सपने को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। फोटोनिक्स एंड मेटीरियल साइंस में वैश्विक स्तर पर तेजी से बदलाव आ रहे हैं। दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार, नवाचार तथा रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। वे गुरुवार को विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग के सौजन्य से 'फोटोनिक्स एंड मेटीरियल साइंस'(एनसीपीएमएस-2024) विषय पर शुरु हुई दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सीएसआईआर-एनपीएल, नई दिल्ली के सीनियर प्रिंसीपल वैज्ञानिक डा. बिपिन कुमार गुप्ता उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता थे। अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष अग्रवाल ने की। डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. डी. कुमार तथा कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डा. रमेश कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे।

प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि फोटोनिक्स तथा मेटीरियल साइंस में असीमित संभावनाएं हैं। ये दोनों तकनीक वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के समाधान में अत्यंत उपयोगी हो सकती हैं। ये तकनीक ऊर्जा, संचार, चिकित्सा तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव का आधार बन रही हैं। फोटोनिक्स और मेटीरियल साइंस का मिश्रित उपयोग अकल्पनीय संभावनाओं को वास्तविकता में बदल सकता है तथा भारत के पारंपरिक विज्ञान को भी नई दिशा दे सकता है।

मुख्य वक्ता डा. बिपिन कुमार गुप्ता ने 'इंडिजिनियस डेवेलपमेंट ऑफ स्ट्रेटिजिक ल्युमिनिसेंट मेटीरियल्स फॉर सोशल बेनिफिट्स टू मेक सेल्फ रिलाएंट इंडिया' विषय पर अपना संबोधन दिया। उन्होंने बताया कि विज्ञान तकनीक को जन्म देती है तथा तकनीक किसी भी राष्ट्र के विकास का मुख्य रास्ता है। इन तकनीकों के स्वास्थ्य, ऊर्जा, पर्यावरण तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है।

कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने अपने संबोधन में बताया कि फोटोनिक्स एवं मेटीरियल साइंस ने बीते वषोंर् में अभूतपूर्व विकास किया है। इस तकनीक ने जहां विश्व के लिए नई संभावनाओं व चुनौतियों के द्वार खोले हैं। उन्होंने बताया कि इस नेशनल कॉन्फे्रंस में देश तथा विदेशों से 150 डेलीगेटस भाग ले रहे हैं। विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष अग्रवाल ने अपने स्वागत संबोधन में भौतिकी विभाग तथा कॉन्फ्रेंस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का भौतिकी विभाग देश के अग्रणी भौतिकी विभागों में से एक है तथा भौतिकी के क्षेत्र में राष्ट्र स्तर पर अपना अग्रणी योगदान दे रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

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