हिसारा: नई संभावनाओं को संजोकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का अमृतकाल: प्रो. नरसी राम बिश्नोई

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हिसारा: नई संभावनाओं को संजोकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का अमृतकाल: प्रो. नरसी राम बिश्नोई


हिसारा: नई संभावनाओं को संजोकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का अमृतकाल: प्रो. नरसी राम बिश्नोई


श्री राम के दिखाए रास्ते पर चलकर देश को विश्वगुरु बना सकते हम : डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री

हिसार, 18 जनवरी (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के जंभेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान के सौजन्य से विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार के सेमिनार हॉल-1 में ‘राष्ट्र के निर्माण में युवा चिंतन के महानायक श्री राम’ विषय पर गुरुवार को व्याख्यान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे जबकि हरियाणा साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री मुख्य वक्ता थे।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि 22 जनवरी को विधि विधान के साथ श्री राम अयोध्या में भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित हो रहे हैं। इस अवसर पर पूरा देश राम मय हो रहा है। श्री राम के आदर्शों से युवा शक्ति कौशलयुक्त होकर मानव संसाधन में परिवर्तित होगी। साधारण मानव से मानव संसाधन बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि राम जीवन का मंत्र हैं। राम भगवान लोक जीवन में कण-कण में विद्यमान हैं, वे आस्था का प्रतीक हैं। भारतीय संस्कृति में श्री राम हमेशा से ही विद्यमान हैं। उन्होंने बताया कि तुलसी दास जी ने कहा कि राम नाम एक महा औषधि है।

मुख्य वक्ता डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने अपने व्याख्यान में कहा श्री राम ने जो रास्ता दिखाया है, उस पर चलकर हम देश को विश्वगुरु बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए खुशी की बात है कि हमें श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर गवाह बनने का अवसर मिला है। श्री राम का जीवन एक निर्णायक जीवन था। उन्होंने अपने जीवन में धर्म का पालन किया। उन्होंने कहा कि सभी लोग धर्म के रास्ते पर चलें तो राम राज्य स्थापित हो सकता है। उन्होंने कहा कि राम मर्यादा पुरूष थे। उन्होंने व्याख्यान के विषय पर कहा कि यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। इससे विद्यार्थियों को श्री राम के जीवन चरित्र के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। श्री राम के आदर्शों पर चलकर आज के युवा राष्ट्र निर्माण में महानायक की अहम भूमिका निभा सकते हैं।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने सभी का धन्यवाद किया। अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष प्रो. विनोद बिश्नोई ने स्वागत संबोधन किया जबकि विभाग के पूर्वाध्यक्ष प्रो. किश्ना राम बिश्नोई ने विभाग की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

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