सोनीपत का गांव बना उदाहरण,ग्रामीणों ने खुद हटाए अवैध कब्जे

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सोनीपत का गांव बना उदाहरण,ग्रामीणों ने खुद हटाए अवैध कब्जे


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सोनीपत का गांव बना उदाहरण,ग्रामीणों ने खुद हटाए अवैध कब्जे


पंचायत की सकारात्मक पहल सामाजिक सरोकार के लिए मिलकर बढाए कदम

विकसित भारत-संकल्प यात्रा का प्रभाव व्यवहारिकता के साथ

-हरियाणा पहला गांव ठरु जिसमें पूरा गांव वाई फाई फ्री

सोनीपत, 14 दिसंबर (हि.स.)। विकसित भारत-संकल्प यात्रा का व्यवहारिक पक्ष हरियाणा प्रदेश के जिला सोनीपत का ग्राम पंचायत ठरू में देखने को मिला है। 15 दिसंबर को ठरु में यात्रा का स्वागत होगा। इस स्वागत का ग्रामीणों ने अलग अंदाज पेश किया है। सामाजिक सरोकारों काे समझते हुए ग्रामीणों ने गांव के विभिन्न आठ रास्तों से 100 से अधिक अवैध कब्जों को स्वेच्छा से हटा लिया है। ग्रामीणों की यह सकारात्मक पहल पूरे हरियाणा प्रदेश के लिए एक सकारात्मक संदेश देती है। इससे पहले हरियाणा पहला गांव ठरु रहा जिसमें पूरा गांव फ्री वाई-फाई किया इसका उद्घाटन सांसद रमेश कौशिक ने किया था।ग्राम पंचायत की सरपंच सरोज बाला के प्रतिनिधि सदस्य नीरज कुमार ने बताया कि हमारा गांव जनसंख्या में बहुत छोटा है लेकिन हमारे पूर्वजों के संस्कार बहुत अच्छे हैं। गांव में मिलनसारी है। हम सभी ने मिलकर इस पर चर्चा करके कि जो रास्ते सार्वजनिक हैं उन सब को हम खुल्ला कर लें। ताकि सबके आने-जाने में सुविधा रहे और दूसरों के सामने एक मिसाल हम पेश कर पाएं।

इन रास्तों अतिक्रमण हटाए गए हैं

ग्राम पंचायत ठरु में सोनीपत से आने वाले पीडब्लूडी रोड से रायसिंह के खेत तक। रणबीर के खेत से बेली मास्टर जी तक। प्रेम के खेत से बीपीएल के प्लॉट तक। बलराज के खेत से प्रदीप के खेत तक। रवि के खेत से बीपीएल प्लाट मुर्गी फार्म वाले रास्ते तक, दरडा बस्ती से जयप्रकाश के खेत तक। तालाब के अवैध कब्जे समेत आठ रास्तों के ग्रामीणों ने स्वेच्छा से 100 से अधिक अवैध कब्ज़ों को खाली किया। सभी खेत के रास्ते खुले हो गए हैं।

बदले में मिले रास्ते से भी अपने बने निर्माण हटाए

ग्रामीण रवि भारद्वाज ने बताया कि बीपीएल प्लाट मुर्गी फार्म वाले रास्ते पर उनका अवैध कब्जा नहीं था 1987 में पंचायत ने बदले में दूसरा रास्ता लिया था और इस रास्ते की जमीन बदले में दी थी। इस जगह पर हमने अपना निर्माण किया था। कोर्ट में केस भी गया लेकिन वहां पर पंचायत के प्रस्ताव को कोई महत्व ही नहीं रहा। हमारी ही जगह पर ही तालाब भी बना है। ग्रामीणों के लिए रास्ता भी दिया लेकिन अब जब इस पर एतराज आया तो हमने इस रास्ते को भी स्वेच्छा से खाली कर दिया है।

यह रास्ता साढे 27 फीट का

दूसरी ओर वीरेंद्र एडवोकेट का कहना है कि युद्धवीर और इंद्र वाले कोने पर भीड़ा रास्ता हो रहा था ग्रामीणों की वीरेंद्र के परिवार की सहमति से दांई ओर से पानी का गढ्ढा कर दिया गया था। जिससे यह रास्ता सीधा हो गया था। लेकिन अब जब इस पर एतराज हुआ तो हमने उस रास्ते को खाली कर दिया है। यह रास्ता साढे 27 फीट का है।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र /

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