विजय दिवस पर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की

WhatsApp Channel Join Now
विजय दिवस पर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की


विजय दिवस पर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की


चंडीगढ़, 16 दिसंबर (हि.स.)। विजय दिवस के असवर पर मंगलवार काे चंडीमंदिर स्थित वीर स्मृति पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया। मुख्यालय पश्चिमी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल पुनीत आहूजा, एसएम, वीएसएम ने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।सेना के प्रवक्ता के अनुासर 1971 का भारत-पाक युद्ध भारत के सैन्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय माना जाता है। इस ऐतिहासिक विजय के परिणामस्वरूप बांग्लादेश का उदय हुआ तथा भारत की सैन्य क्षमता, नेतृत्व और राष्ट्रीय एकता विश्व पटल पर सुदृढ़ रूप से स्थापित हुई। पश्चिमी मोर्चे पर पश्चिमी कमान ने निर्णायक भूमिका निभाई। शकरगढ़ सेक्टर के बसंतार एवं जरपाल, खेम करण-खालड़ा सेक्टर, सेहजरा सैलियंट, चंब-जौरियां, पुंछ तथा सियालकोट सेक्टर में लड़ी गई भीषण लड़ाइयों ने शत्रु प्रतिरोध को निर्णायक रूप से तोडऩे में अहम योगदान दिया।1971 के युद्ध के दौरान पश्चिमी कमान की यूनिट्स को एक थिएटर ऑनर तथा ग्यारह बैटल ऑनर प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त, इसके कार्मिकों को दो परम वीर चक्र, छियालिस महावीर चक्र तथा अनेक अन्य वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जो उनकी असाधारण वीरता एवं पेशेवर उत्कृष्टता को दर्शाता है।स्मरणोत्सव के दौरान यह भी रेखांकित किया गया कि 1971 युद्ध से प्राप्त सबक आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। संयुक्तता, त्वरित निर्णय क्षमता, प्रभावी नेतृत्व, सुदृढ़ लॉजिस्टिक्स और उच्च मनोबल को सैन्य सफलता के स्थायी स्तंभों के रूप में दोहराया गया।आधुनिक हथियार प्रणालियों, ड्रोन, उन्नत निगरानी क्षमताओं तथा कठोर प्रशिक्षण के बल पर कमान उच्च स्तर की परिचालन तत्परता बनाए हुए है। विजय दिवस का समापन 1971 के बसंतार युद्ध में अद्वितीय शौर्य का प्रदर्शन करने वाले स्वर्गीय सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल, परम वीर चक्र की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक एवं उनके परिजन, वीर अधिकारी के कोर्स-मेट्स तथा उनके अल्मा मेटर लॉरेंस स्कूल, सनावर के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने उस युवा अधिकारी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका असाधारण पराक्रम आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करता है। साथ ही, शहीदों एवं पूर्व सैनिकों को भी नमन करते हुए राष्ट्र के प्रति साहस, बलिदान और सेवा की अमर विरासत को पुन: स्मरण किया गया।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

Share this story