हिसार: राष्ट्र के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाती है उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था: प्रो. नरसीराम
पीएचडी स्कॉलर्स के लिए शुरु किए गए इंट्रेक्शन कार्यक्रम में बोले कुलपति
हिसार, 8 फरवरी (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि शोध, नवाचार व तकनीकी विकास पर आधारित उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था राष्ट्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आधारित शोध को बढ़ावा देने वाली है। वे गुरुवार को विश्वविद्यालय के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (एमएमटीटीसी) के सौजन्य से पीएचडी स्कॉलर्स के लिए शुरु किए गए इंट्रेक्शन कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता एमएमटीटीसी के निदेशक प्रो. नीरज दिलबागी ने की। शिक्षा संकाय की अधिष्ठाता प्रो. वंदना पूनिया व अनुराग सांगवान इस कार्यक्रम के कोर्स कोर्डिनेटर हैं।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि पीएचडी एजुकेशन शोध तथा राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पीएचडी एजुकेशन के कारण ही उच्चस्तरीय कौशलयुक्त तथा योग्य प्रोफेशनल्स व शोधकर्ता तैयार होते हैं, जो राष्ट्र की समस्याओं के समाधान के लिए मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भी शोध तथा नवाचार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पीएचडी कार्यक्रमों तथा शोध संस्थाओं को प्रोत्साहित कर रही है। गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य चिकित्सा तथा पर्यावरण जैसे मुद्दों पर किया जा रहा शोध राष्ट्र ही नहीं बल्कि विश्व उपयोगी है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि पीएचडी एजुकेशन विश्वविद्यालय के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उच्च स्तरीय पब्लिकेशंस व पेटेंट विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग को और अधिक बेहतर करने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने शोधार्थियों ने कहा कि वे इस इंट्रेक्शन कार्यक्रम का अधिक से अधिक फायदा उठाएं तथा अपने शोध कौशल में बढ़ोतरी करें।
एमएमटीटीसी के निदेशक प्रो. नीरज दिलबागी ने बताया कि एक सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शोधार्थी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शोधार्थियों को उच्चस्तरीय शोध के लिए प्रेरित करना है। उच्चस्तरीय शोध की विश्वविद्यालयों की प्राथमिकता होती है। एमएमटीटीसी इस प्राथमिकता को पूरा करने में अपना निरंतर योगदान दे रहा है। शिक्षा संकाय की अधिष्ठाता प्रो. वंदना पूनिया ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान शोधार्थियों को शोध से संबंधित सभी बारीकियों से अवगत कराया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न सत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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