एचएयू ने राष्ट्रीय मानचित्र पर लगातार उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करके अपनी विशेष पहचान बनाईं : प्रो. बीआर कम्बोज

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एचएयू ने राष्ट्रीय मानचित्र पर लगातार उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करके अपनी विशेष पहचान बनाईं : प्रो. बीआर कम्बोज


एचएयू कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने की दूसरी पारी की शुरूआतहिसार, 17 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि विश्वविद्यालय ने प्रदेश की कृषि उत्पादकता बढ़ाने, कम पानी में अधिक पैदावार देने वाली किस्में विकसित करने व जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर उत्कृष्ट कार्य किया है। राष्ट्रीय मानचित्र पर विश्वविद्यालय ने लगातार उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करके अपनी विशेष पहचान बनाईं है। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज गुरुवार को विश्वविद्यालय में दूसरी पारी की शुरूआत करने उपरांत बातचीती कर रहे थे। अधिकारियों, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों व किसानों ने दूसरे कार्यकाल के शुभारंभ अवसर पर प्रो. बीआर कम्बोज को बधाई व शुभकामनाएं दी। प्रो. कम्बोज ने दूसरी बार कार्यभार संभालने के अवसर पर बताया कि वैज्ञानिकों, शिक्षकों, गैर शिक्षक कर्मचारियों एवं किसानों की बदौलत विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी है। कुलपति ने गत वर्षों के दौरान अर्जित की गई उपलब्धियों के लिए विश्वविद्यालय परिवार का धन्यवाद किया व भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी किसानों की समृद्धि के लिए इसी प्रकार टीम भावना एवं आपसी तालमेल के साथ कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का धन्यवाद व आभार प्रकट किया।हकृवि ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए समझौतेकुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के नेतृत्व में एचएयू ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया, सोकोइन एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (एसयूए), तंजानिया, वारसॉ यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ साइंसेज (एसजीजीडब्ल्यू), पोलैंड, इंटरनेशनल मक्का और गेहूं सुधार केंद्र (सीआईएमएमवाईटी) आदि से एमओयू किए गए। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यही वजह है कि न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विश्वविद्यालय अपनी पहचान बनाए हुए है। गत वर्षों में विश्वविद्यालय द्वारा 142 विद्यार्थी व 36 वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कौशल विकास व प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेजा है। हकृवि में मत्स्य विज्ञान व बायोटेक्रोलॉजी महाविद्यालय की स्थापना की गई। सेंटर फार माइक्रोप्रोपेगेशन एंड डबल हेपलोएड उत्पादन की अंतरराष्ट्रीय स्तर की अत्याधुनिक प्रयोगशाला का निर्माण किया गया जिससे गुणवत्तापूर्ण लाखों पौधें किसानों को उपलब्ध करवाये जाएगें। हकृवि के एबिक द्वारा अब तक 250 इंक्यूबेटस को प्रशिक्षण व सहयोग दिया जा चुका है। इसके तहत 9 करोड़ से अधिक की राशि स्टार्टअप्स को दी जा चुकी है।विश्वविद्यालय द्वारा गत वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्जित की गई मुख्य उपलब्धियांविश्वविद्यालय को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड (नैब) की ओर से सर्वश्रेष्ठ ए प्लस ग्रेड दिया गया है। देशभर में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024 के लिए जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फे्रमवर्क (एनआईआरएफ)में देश के कृषि विश्वविद्यालयों में हकृवि तीसरा स्थान प्राप्त किया तथा संस्थानों में सांतवा स्थान हासिल करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। विश्वविद्यालय ने गत वर्षों में विभिन्न फसलों की 44 किस्में विकसित व अनुमोदित की हैं। एचएयू प्रदेश के पांच लाख किसानों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है व उनको दैनिक आधार पर मौसम की स्टीक जानकारी उपलब्ध करवा रहा है। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कुलपति के पिछले कार्यकाल में 150 से अधिक नए वैज्ञानिकों की भर्ती करने, वैज्ञानिकों की समयानुसार पदोन्नती करने, वैज्ञानिकों की अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में शोध संबंधी प्रशिक्षण करवाने व वैज्ञानिकों के लिए बनवाए जा रहे नए सरकारी आवासों के लिए उनका धन्यवाद किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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