हिसार : गुरू जंभेश्वर महाराज के सिद्धांत पर्यावरण सरंक्षण के लिए सबसे उपयोगी सिद्धांत : प्रो. नरसीराम बिश्नोई

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हिसार : गुरू जंभेश्वर महाराज के सिद्धांत पर्यावरण सरंक्षण के लिए सबसे उपयोगी सिद्धांत : प्रो. नरसीराम बिश्नोई


हिसार : गुरू जंभेश्वर महाराज के सिद्धांत पर्यावरण सरंक्षण के लिए सबसे उपयोगी सिद्धांत : प्रो. नरसीराम बिश्नोई


आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित पृथ्वी सौंपना हमारी जिम्मेदारीगुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य पर हुआ कार्यक्रमहिसार, 22 अप्रैल (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने कहा है कि वर्तमान पीढ़ी की जिम्मेदारी बनती है कि यह पीढ़ी आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ व सुरक्षित पृथ्वी उपलब्ध करवाए। इस ग्रह को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी केवल कुछ ही लोगों की नहीं है, बल्कि हम सभी को मिलकर इस दिशा में प्रयास करने होंगे। गुरू जंभेश्वर जी महाराज की शिक्षाएं व सिद्धांत पर्यावरण व जलवायु सरंक्षण के लिए सबसे उपयोगी सिद्धांत हैं।प्रो. नरसीराम बिश्नोई विश्व पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं अभियांत्रिकी विभाग के सौजन्य से ‘हमारी शक्ति-हमारा ग्रह’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कुलपति नरसीराम बिश्नोई, जो स्वयं एक प्रतिष्ठित पर्यावरण वैज्ञानिक हैं, ने कहा कि हरियाणा व पंजाब में ही प्रतिवर्ष 35 मिलियन टन पराली जलाई जाती है। केवल एक टन पराली जलने से लगभग 1.46 टन कार्बन डाइऑक्साइड के अतिरिक्त भारी मात्रा में अन्य प्रदूषक भी निकलते हैं। जो ग्लोबल वार्मिंग के अतिरिक्त मानवीय स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत खतरनाक हैं। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए पर्यावरण के खतरों के लिए भी सचेत किया, साथ ही कहा कि गुरू जंभेवश्वर जी महाराज ने सैंकड़ों वर्ष पूर्व इन खतरों को समझ लिया था और पर्यावरण, जलवायु व जीव संरक्षण के सिद्धांतों की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि गुजविप्रौवि गुरू जी के इन सिद्धांतों का पालन करते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अग्रणी कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय के सीआरएस सभागार में हुए इस आयोजन की अध्यक्षता पर्यावरण एवं अभियांत्रिकी विभाग की अधिष्ठाता एवं अध्यक्षा प्रो. आशा गुप्ता ने की। बीबीआरए विश्वविद्यालय लखनऊ के एसोसिएट प्रो. राजेश कुमार नैन मुख्यवक्ता रहे। जबकि डा. संतोष भुक्कल व डा. अनीता किरोलिया कार्यक्रम के संयोजक थे।मुख्यवक्ता प्रो. राजेश कुमार नैन ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि मानव की स्वयं की गलतियों के कारण जलवायु में भयानक रूप से परिवर्तन आ रहा है। विभाग की अधिष्ठाता एवं अध्यक्षा प्रो. आशा गुप्ता ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि यह दिवस हमें पृथ्वी के प्रति और अधिक जिम्मेदार व संवेदनशील होने के लिए प्रेरित करता है ताकि हम अपने ग्रह को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रख सके। डा. संतोष भुक्कल ने पृथ्वी दिवस पर हुए दो दिवसीय कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों ने ‘पेड़ लगाओ-पृथ्वी बचाओ’ नाटिका की प्रस्तुति भी दी। पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन व रंगोली मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया। पोस्टर व स्लोगन प्रदर्शनी भी लगाई गई। डा. अनीता किरोलिया ने सभी का धन्यवाद किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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