झज्जर : महर्षि वाल्मीकि की रचनाएं भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर: सरोज राठी

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झज्जर : महर्षि वाल्मीकि की रचनाएं भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर: सरोज राठी


-- नप चेयरपर्सन सरोज रमेश राठी ने शहर के कई वार्डों में आयोजित महर्षि वाल्मीकि जयंती कार्यक्रमों में शिरकत की

झज्जर, 17 अक्टूबर (हि.स.)। महर्षि वाल्मीकि जयंती जिलाभर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। बहादुरगढ़, बेरी व साहलावास में भी कई कार्यक्रम हुए। बहादुरगढ़ में हुए कई कार्यक्रमों में नगर परिषद अध्यक्ष सरोज रमेश राठी ने शिरकत की। वह बागवाला मोहल्ला स्थित वाल्मीकि मन्दिर में आयोजित कार्यक्रम में भी पहुंचे। यहां लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आदि कवि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण जैसे महान काव्य की रचना करने के साथ-साथ समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों को शिक्षा और सामाजिक उन्नति का मार्ग दिखाया। महर्षि वाल्मीकि की रचनाएं भारतीय संस्कृति और साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं। भगवान वाल्मीकि के जीवन का प्रत्येक पहलू हमें आदर्श जीवन जीने की शिक्षा देता है और पूरे समाज को एक शक्तिशाली समाज में परिवर्तित कर अपनी संस्कृति की रक्षा करने में सक्षम भी बनाता है। महर्षि वाल्मीकि अवतरित, परम ज्ञानी और महापुरूष थे।चेयरपर्सन सरोज रमेश राठी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा हिंदुओं के महत्वपूर्ण महाकाव्य रामायण की रचना की गई थी और रामायण को हिंदू धर्म का सबसे प्राचीन ग्रंथ माना गया है।वाल्मीकि जयंती कार्यक्रमों में पहुंची नप चेयरपर्सन सरोज रमेश राठी का आयोजकों ने स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया। चेयरपर्सन राठी का सम्मान करने वालों में पार्षद राजेश मकड़ौली, कृष्ण प्रधान, उदयभान, केवलराम, सुरेंद्र, होशियार सिंह, मुकेश, रवि महरोलिया, गोलू, सन्नी बोहत व विनोद आदि शामिल रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

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