गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय ने कई रोजगारपरक कोर्स आरंभ किए : प्रो. नरसीराम
गुजवि शैक्षणिक परिषद की बैठक में बदले गए दो विभागों के नाम
हिसार, 20 नवंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि विश्वविद्यालय ने इस सत्र से कई रोजगारपरक कोर्स आरंभ किए गए हैं। ये कोर्स समय की मांग हैं। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक परिवर्तन किए जा रहे हैं।
कुलपति प्रो. नरसीराम सोमवार को विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद की 61वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने विचार रख रहे थे। बैठक का संचालन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने किया। कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने कहा कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्थाओं को और अधिक बेहतर करने के लिए इस बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। उन्होंने कहा कि समय की मांग और वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए विश्वविद्यालय कोर्सों की स्कीम व सिलेबस में आवश्यकतानुसार बदलाव कर रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने बताया कि बैठक में नए अंडरग्रेजुएट कोर्सिज का नई शिक्षा नीति के तहत स्कीम व सिलेबस में बदलाव को मंजूरी दी गई। इनमें इंटेग्रेटिड बीएससी कैमिस्ट्री (ऑनर्स/ऑनर्स विद रिसर्च)-एमएससी कैमिस्ट्री, इंटेग्रेटिड बीएससी फिजिक्स (ऑनर्स/ऑनर्स विद रिसर्च)-एमएससी फिजिक्स, इंटेग्रेटिड बीएससी मैथेमेटिक्स (ऑनर्स/ऑनर्स विद रिसर्च)-एमएससी मैथेमेटिक्स, इत्यादि शामिल हैं। बैठक में दो विभागों के नाम बदलने की मंजूरी दी गई है।
डिपार्टमेंट ऑफ डाटा साईंस विभाग का नाम अब डिपार्टमेंट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डाटा साइंस तथा डिपार्टमेंट ऑफ लाइब्रेरी साइंस का नाम अब डिपार्टमेंट ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफोर्मेशन साइंस रखा गया है। बैठक में दूरस्थ शिक्षा के तहत डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइस, डिप्लोमा इन सोलिड हजार्डस वेस्ट मैनेजमेंट तथा डिप्लोमा इन फूड क्वालिटी एश्योरेंस संचालित करने की स्वीकृति दी गई है। विभिन्न विषयों में पीएचडी पंजीकरण एवं डिग्री अवार्ड करने की भी मंजूरी दी गई है।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने बताया कि बैठक में डिपार्टमेंट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड डाटा साइंस को फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी तथा डिपार्टमेंट आफ लाइब्रेरी एंड इंफोर्मेशन साइंस व डिपार्टमेंट ऑफ जियोग्राफी को फैकल्टी आफ ह्युमेनिटी एंड सोशल साइसिज में शामिल किया गया है। डिपार्टमेंट ऑफ जूलोजी को फैकल्टी ऑफ इनवायर्नमेंटल एंड बायो साइंसिज में शामिल किया गया है। शिक्षक अब सेवानिवृत होने तक पीएचडी के शोधार्थी भी ले सकेंगे। इससे पहले यह उम्र 57 वर्ष थी।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर
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