जींद : लोस चुनाव में सुंदरपुरा के ग्रामीण नहीं करेंगे अपने मत का प्रयोग
जींद, 20 मई (हि.स.)। उचाना तहसील में शामिल किए गए सुंदरपुरा गांव को वापस नरवाना तहसील में शामिल करने, गांव की खेवट को अलग-अलग किए जाने की मांग को लेकर सुंदरपुरा गांव के ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से मीटिंग में 25 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला लिया। सुंदरपुरा गांव सिरसा लोकसभा के नरवाना हलके में आता है।
सुंदरपुरा गांव की पंचायत उचाना बीडीपीओ कार्यालय के अधीन आती है तो पहले नरवाना तहसील में सुंदरपुरा होता था जिसे अब उचाना तहसील में शामिल किया गया है। दो मांगों को लेकर काफी लंबे समय से ग्रामीण मांग करते आ रहे है। इन दोनों मांगों को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव में मतदान का बहिष्कार करते हुए मतदान नहीं करने का फैसला लिया है ताकि उनकी इस मांगों की सुनवाई हो सकें।
सोमवार को जानकारी देते हुए सरपंच प्रतिनिधि लखविंद्र श्योकंद ने बताया कि सुंदरपुरा के ग्रामीणों का करीब छह साल सुंदरपुरा को नरवाना तहसील से उचाना तहसील के अधीन किया गया। नरवाना ही गांव के ग्रामीणों का आवागमन रहता है। उचाना ग्रामीण किसी काम से नहीं आते है। अब मजबूरी में उचाना आना पड़ रहा है। ऐसे में समय, रुपये की बर्बादी हो रही है। नरवाना उनके गांव के नजदीक आता है जबकि उचाना दूर है। इसको लेकर काफी लंबे समय से मांग करते आ रहे है।
गांव की खेवट एक नाम से होने के चलते जो ग्रामीण फर्द निकलवाता है तो पूरे गांव की खवेट एक होने से अलग-अलग फर्द नहीं निकल रही है। इसको लेकर गांव के गणमान्य लोग सीएम से भी मिल चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। मजबूरी में गांव के लोगों को प्रजातंत्र के पर्व पर मतदान नहीं करने जैसा फैसला लेना पड़ रहा है। इस मौके पर कपूरा नंबरदार, भागा नंबरदार, राजपाल, शमशेर, देवा वाल्मीकि, बलवान, भान सिंह, कुलदीप पंच, पूर्व सरपंच सोहन लाल, पूर्व सरपंच मांगेराम, सतबीर सिंह, राजेंद्र सहित गांव के गणमान्य लोग मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र
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