हिसार : किसान आंदोलन के केस में दो किसान नेता बरी, दो भगोड़े घोषित
करीब आठ साल पहले राजली गांव के बस स्टेंड के
समीप मुख्य मार्ग को किया था जाम
हिसार, 22 दिसंबर (हि.स.)। न्यायिक दंडाधिकारी
सुनील कुमार की अदालत ने किसान आंदोलन के दौरान राजली गांव के बस स्टेंड पर मुख्य मार्ग
जाम करने के आरोप में करीब आठ साल पहले किसानों पर दर्ज किए गए एक केस में दो किसान
नेताओं राजली गांव निवासी कृष्ण और गुराना गांव निवासी धर्मबीर उर्फ भीरा को बरी कर
दिया है। इस मामले में दो किसान नेताओं मिर्चपुर गांव निवासी प्रदीप प्रधान और मिलकपुर
गांव निवासी रणधीर को अदालत ने भगोड़ा घोषित किया हुआ है।
इस बारे में बरवाला थाना ने 21 जून, 2017 को हवलदार
जयदीप सिंह की शिकायत पर किसान संघर्ष समिति के सदस्यों मिर्चपुर गांव निवासी प्रदीप
प्रधान, राजली गांव निवासी कृष्ण, मिलकपुर गांव निवासी रणधीर और गुराना गांव निवासी
भीरा और 35-40 अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज
किया था। पुलिस को दी शिकायत में हवलदार ने बताया था कि वह अन्य पुलिस कर्मिचारियों
के साथ कानून व्यवस्था की ड्यूटी पर राजली बस स्टैंड पर मौजूद था कि किसान संघर्ष समिति
के सदस्यों मिर्चपुर गांव निवासी प्रदीप प्रधान, राजली गांव निवासी कृष्ण, मिलकपुर
गांव निवासी रणधीर और गुराना गांव निवासी भीरा और 35-40 अन्य ने मुख्य मार्ग पर जाम
लगाया हुआ था। जाम के कारण आने-जाने वाले व्यक्तियों व वाहनों को आवागमन में बाधा हो
रही थी और आजमन परेशानी का सामना कर रहे थे।
जांच के दौरान पुलिस ने प्रदीप प्रधान, रणधीर,
भीरा और कृष्ण के खिलाफ अदालत में चालान दिए। बाद में अदालत के नोटिस पर दो किसान नेता
कृष्ण और धर्मबीर उर्फ भीरा अदालत में पेश हुए और अपनी जमानत करवाई। वहीं किसान नेताओं
प्रदीप प्रधान और रणधीर अदालत में पेश नहीं हुए तो अदालत ने दोनों को भगोड़ा घोषित
कर दिया।
आरोपियों को पहचान नहीं पाया जांच अधिकारी : नवीन
राजली
बचाव पक्ष के अधिवक्ता नवीन राजली ने साेमवार काे बताया कि
इस मामले में गवाही के दौरान जांच अधिकारी आरोपियों की ना तो सही पहचान कर पाया और
और पुलिस का एक गवाह अपनी गवाही से मुकर गया। इसी आधार पर अदालत ने दोनों किसान नेताओं
को बरी कर दिया। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए
गए केस निशुल्क लडऩे की घोषणा की थी और इस केस में भी उन्होंने किसानों से कोई फीस
नहीं ली थी।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

