यमुनानगर: छठ महापर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की

यमुनानगर: छठ महापर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की
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यमुनानगर: छठ महापर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की












यमुनानगर, 19 नवंबर (हि.स.)। यमुना नहर के विभिन्न घाटों पर हजारों की संख्या में पहुंचे महिलाओं व पुरुषों ने छठ पूजा के पर्व पर रविवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर नहर के पानी में खड़े होकर पूजा अर्चना की। वहीं सोमवार सुबह उगते हुए सूर्य को श्रद्धालु अर्घ्य देकर अपना व्रत संपन्न करेंगे।

छठ पूजा को लेकर यमुना के घाटों पर सुरक्षा को लेकर, साफ सफाई और बिजली की व्यवस्था के जिला प्रशासन की और से अच्छे इंतजाम किए गए। पूर्वांचल सभा के पवन प्रताप सिंह ने बताया कि छठ पर्व का यह व्रत हमारे लिए सबसे बड़ा व्रत होता है। इस पर्व पर सभी श्रद्धालु अपने घर में ही पूजा अर्चना कर व्रत की शुरू करते हैं।

आज शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर नहर के पानी में खड़े होकर पूजा अर्चना के बाद कल सुबह फिर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत संपूर्ण करेंगे। गौरतलब है कि यमुनानगर में लाखों की संख्या में पूर्वांचल से संबंधित लोग रहते हैं। जो इस छठ पूजा को पूरे विधि विधान एवं आस्था के साथ मनाते हैं। अब तो अन्य लोग भी छठ पूजा करने लगे हैं। जिसके चलते पूजा को लेकर विशेष उत्साह श्रद्धालुओं में रहता है।

छठ पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाने के 6 दिन बाद कार्तिक शुक्ल को मनाए जाने के कारण इसे छठ कहा जाता है। यह चार दिनों का त्योहार है और इसमें साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। इस त्योहार में गलती की कोई जगह नहीं होती। इस व्रत को करने के नियम इतने कठिन हैं, इस वजह से इसे महापर्व और महाव्रत के नाम से संबोधित किया जाता है। छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं। इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है।

हिन्दुस्थान समाचार/अवतार

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