जींद: वर्ष 2023 में सफीदों के हाथ से निकल गया पैरा मेडिकल कालेज
जींद, 30 दिसंबर (हि.स.)। वर्ष 2023 में सफीदों के हाथों से यहां के लिए अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना खिसक गई। अगर यह पैरा मेडिकल कालेज यहां पर बन जाता तो इस पिछड़े इलाके के लिए यह किसी सौगात से कम ना होती। इस कालेज को यहां से स्थानांतरित होने से बचाने के लिए अनेक संगठनों व समाजसेवी लोगों ने कड़ा संघर्ष किया, आंदोलन हुए, प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए, संघर्ष समिति बनी, लेकिन आखिरकार परिणाम शून्य रहे और यह कालेज आखिरकार नियमों का हवाला देकर जींद स्थानांतरित कर दिया गया।
सफीदों जैसे पिछड़े इलाके के गांव करसिंधू में चार एकड़ भूमि में 100 करोड़़ की लागत से प्रस्तावित पैरा मेडिकल कॉलेज का यहां से जींद स्थानांतरित होना यहां के लोगों को रास नहीं आ रहा है। एक बड़े प्रोजेक्ट के इस प्रकार से यहां से चले जाने को सफीदों विधानसभा क्षेत्र के लोग इसे गहरे झटके के समान मान रहे हैं और अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जनता इसे यहां के सत्तासीन नेताओं का कमजोर नेतृत्व और यहां विपक्ष का विधायक होना मान रही है।
सफीदों क्षेत्र में पैरा मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग बहुत पुरानी चल रही थी और इसके निर्माण के लिए सरकार से लगातार अनुरोध किया जा रहा था। इस मामले में आईपी कन्या एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष एवं हरियाणा के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता समाजसेवी टीसी गर्ग और उनकी टीम पिछले कई सालों से खूब दौड़-धूप कर रही थी।
इस कॉलेज के निर्माण के लिए तत्कालीन ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव पास करके चार एकड़ जमीन संबंधित विभाग डायरेक्टर मेडिकल एजूकेशन रिसर्च (डीएमईआर) को 30 साल के लिए लीज पर दी थी। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही संस्था आईपी कन्या एजुकेशन सोसाइटी ने इस पैरामेडिकल कॉलेज की प्रारम्भिक व्यवस्था के लिए 50 लाख रुपए की राशि देने का लिखित में स्वीकृति पत्र सरकार को दे दिया था।
इसके अलावा सरकार व संबंधित महकमें की डिमांड पर कालेज में 6 कोर्सों के लिए करीब 150000 रुपये की राशि बतौर रजिस्ट्रेशन डायरेक्टर मेडिकल एजूकेशन रिसर्च (डीएमईआर) को संस्था द्वारा बैंक ड्राफ्ट भेजकर जमा करवा दिए थे। इसके अलावा प्रारंभिक तौर पर अस्थाई कक्षाएं चलाने के लिए इसी गांव स्थित पीडीएम इंजीनियरिंग कालेज में 15 कमरों की व्यवस्था की गई थी।
इस पैरा मेडिकल कालेज के यहां से ट्रांसफर होने की बातें कुछ समय पहले होनी शुरू हो गई थी। इस बात की भनक लगते ही यहां के कांग्रेसी विधायक सुभाष गांगोली ने इसकी आवाज विधानसभा में बुलंद की थी। राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा द्वारा गांव कारखाना में लगाए गए जनसंवाद कार्यक्रम में इस कालेज को सफीदों में रूकवाने का आश्वासन दिया था।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव
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