रोहतक: बबलू पहलवान परिवार हत्याकांड में पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
-अदालत ने पुलिस से भी मांगा जबाव, ठोस सबूत पेश करे पुलिस
रोहतक, 24 अक्टूबर (हि.स.)। विजय नगर में हुए बबलू पहलवान परिवार हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। आरोपी पक्ष के वकील ने मामले को लेकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है। मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता शिवराज मलिक ने कहा कि कोर्ट ने भी इस मामले को लेकर पुलिस की भूमिका को संदिग्ध माना है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कोर्ट ने पुलिस के आला अधिकारियों को निर्देश भी दिए है कि ठोस सबूत अदालत में पेश किए जाए। साथ ही उन्होंने गृहमंत्री से भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस कर्मियों के खिलाफ कारवाई की मांग की है।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता ने पहले पुलिस में मामला चोरी का दर्ज करवाया था और बाद में उसे रद्द करने की सिफारिश कर दी, लेकिन अभी भी वह मामला पुलिस के पास पेडिंग है, जिस पर कोई कारवाई अभी तक नहीं हुई है।इस मामले में कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है और पुलिस द्वारा कोर्ट में जो शपथ पत्र दिए गए है, वह भी संदिगध है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा अदालत में तथ्यों को भी छुपाया गया है। दरअसल 27 अगस्त 2021 को विजय नगर में बबलू पहलावन, पत्नी अनिता, बेटी नेहा व बबलू की सास की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने इस मामले में बबलू के बेटे अभिषेक को गिरफ्तार किया था। दो साल से मामला अदालत में चल रहा है। प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि अभिषेक ने रूपयों के चक्कर में अपने पिता, मां, बहन व नानी रोशनी की हत्या की थी। पुलिस ने इस मामले में अभिषेक के मामा प्रवीण की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। बहुचर्चित हत्याकांड को लेकर पुलिस ने एसआईटी भी गठित की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता शिवराज मलिक ने बताया कि कोर्ट में मामले में अब गवाई का दौर शुरू होगा, लेकिन इससे पहले पुलिस ने कोर्ट में मामले को लेकर जो भी सबूत पेश किए है। वह संदिग्ध है और कोर्ट ने भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/संजीव
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