सोनीपत: साधक बाहर से हटकर अंतर हृदय को टटोलता है: रमेश मुनि
सोनीपत, 23 जुलाई (हि.स.)।
श्री एस एस जैन सभा गन्नौर मंडी के तत्वाधान में मुनि मायाराम
परंपरा के उज्जवल नक्षत्र श्री रमेश मुनि जी महाराज श्री मुकेश मुनि महाराज श्री मुदित
मुनि जी महाराज ने जैन स्थानक में चातुर्मास के दौरान प्रवचनों की रसधारा प्रवाहित की।
मंगलवार को श्री रमेश
मुनि जी महाराज ने कहा संसार में सभी पदार्थ नश्वर हैं जिन पदार्थों में व्यक्ति सुख
को खोज रहा है उसकी वह खोज झूठी है व्यक्ति की अगर संसार के पदार्थों में सुख होता
तो संसार के कितने महापुरुष हुए हैं प्रभु महावीर महात्मा बुध भगवान श्री राम जैसे
महापुरुष जिन्होंने संसार के पदार्थों को ठोकर मार कर सच्चे सुख की खोज की संसार परिवर्तनशील
है प्रत्येक पदार्थ वह चाहे शरीर के रूप में हैं या महल धन वैभव के रूप में प्रतिक्षण
बदलने लग रहा है, चातुर्मास की साधना भी इसी रूप में की जाती है जहां साधक बाहर से
हटकर अंतर हृदय की खोज करता है।
श्री मुकेश मुनि जी महाराज ने कहा चातुर्मास वह साधना है जिसमें
व्यक्ति अंतर हृदय की जागृति के साथ जीवन जीता है उसके जीवन की प्रत्येक क्रिया के
साथ विवेक रहता है वह जो भी कार्य करता है होश के साथ करता है आज व्यक्ति जो भी करता
है वह जोश के साथ तो करता है परंतु होश खो देता है, चातुर्मास काल में साधक जो भी करता
है वह होश के साथ यानी विवेक ज्ञान रखकर अपनी साधना संपन्न करता है।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र परवाना / SANJEEV SHARMA
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