मानवता के धर्म की खुशबू से गृहस्थी महकती है: शंकरानंद महाराज

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मानवता के धर्म की खुशबू से गृहस्थी महकती है: शंकरानंद महाराज


मानवता के धर्म की खुशबू से गृहस्थी महकती है: शंकरानंद महाराज


मानवता के धर्म की खुशबू से गृहस्थी महकती है: शंकरानंद महाराज


सोनीपत, 17 जनवरी (हि.स.)। पंजाब के लुधियाना स्थित भूरी वाले धाम से आए स्वामी शंकारानंद महाराज ने कहा है कि संतों का संदेश विश्व में शांति स्थापित करने का रहा है। मानवीय सद्भावनाओं को जीवन में आत्मसात करने का संदेश दिया गया। तीन दिनों तक अमृत वाणी का पाठ हुआ है। बुधवार को भोग लगाया गया।

श्री स्वामी रामकृष्ण परमहंस महाराज की 81वीं पुण्यतिथि पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि शंकरानंद महाराज ने कहा कि मानवता के धर्म की खुशबू से गृहस्थी महकती है। संतों ने गृहस्थ जीवन को खुशहाल बनाने का सूत्र सेवा के रूप में दिया। मानव सेवा करने वाले ही प्रभु के सच्चे भक्त होते हैं। हरिद्वार से आए स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री ने अध्यक्षता की।

स्वामी कमल सागर जी महंत टांगड़ी धाम से, स्वामी रामानन्द शास्त्री गोपालपुर से, स्वामी कृष्ण देव जी दुल्हेड़ा से शामिल हुए। हरियाणा, उतराखंड, पंजाब से आए संतों ने मानव कल्याण के लिए संदेश दिया। तेजपाल यादव, जयपाल यादव, सरपंच प्रतिनिधि नरेन्द्र यादव, नीरज यादव, जयभगवान समेत कई प्रमुख संत शामिल हुए।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र /सुमन/पवन

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