कैथल: डेढ लाख की आबादी पर फाॅगिंग के लिए एक कर्मचारी
माैसमी बीमारियाें की चपेट में शहर वासी
कैथल, 30 नवंबर (हि.स.)। कैथल शहर की आबादी डेढ़ लाख से अधिक है। नगर परिषद के 31 वार्डों में बांटे शहर को सीजनल बीमारियों से बचने के लिए नालियों और गंदगी वाली जगह पर दवाई स्प्रे करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास केवल एक ही कर्मचारी है। वह भी आजकल बीमार है। शहर में बढ़ रहे मक्खी मच्छरों की तादाद के कारण लगातार लोग बीमार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और सरकार का रवैया उदासीन ही बना हुआ है। समाजसेवी संस्थाओं और आम लोगों का कहना है कि नगर परिषद शाम के समय शहर में दवाई वाला धुआं (फॉग) करता है। जो की खास असरदार नहीं होता। मक्खी मच्छर ज्यादातर गंदगी में पनपते हैं और बीमारियां फैलाते हैं। उनके ऊपर जब तक दवाई का स्प्रे ना किया जाए तो असर नहीं होता। यह दवाई वाला धुआं उन पर कोई असर नहीं करता।
हेल्थ इंस्पेक्टर बोले: 20 कर्मचारियों की जगह एक ही कर रहा है काम
स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ इंस्पेक्टर राज सिंह का कहना है कि पहले शहर में दवाई स्प्रे करने के लिए नौ कर्मचारी थे। जो शहर की खुली नालियों और गंदगी वाली जगह में दवाई का छिड़काव करते थे। धीरे-धीरे इनमें से आठ कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए। अब शहर की आबादी भी बढ़ गई है और उनके विभाग के पास शहर में दवाई का स्प्रे करने के लिए केवल एक ही कर्मचारी है। वह भी आजकल बीमार है। आबादी के हिसाब से शहर में दवाई स्प्रे करने वाले 20 कर्मचारी होने चाहिएं। विभाग को इस बात से कई बार लिखित तौर पर अवगत करवाया जा चुका है लेकिन आज तक स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में शहर की कोई सुध नहीं ली है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेश कुमार भारद्वाज
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