(अपडेट) दत्तोपंत ठेंगड़ी के सिद्धांतों को अपनाकर ही पूरा किया जा सकेगा विकसित भारत का सपना : इन्द्रेश कुमार
ठेंगड़ी ने की थी भारतीय मजदूर संघ की स्थापना : पवन कुमार
सबका साथ सबका विकास व वोकल फोर लोकल जैसे अभियान ठेंगड़ी के सिद्धांतों की ही देन : नरसी राम बिश्नोई
हिसार, 23 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य डाॅ. इंद्रेश कुमार ने कहा है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना दत्तोपंत ठेंगड़ी के सिद्धांतों को अपनाकर ही पूरा किया जा सकेगा।
इन्द्रेश कुमार मंगलवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के डाॅ. भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय में महान अर्थशास्त्री दत्तोपंत ठेंगड़ी के निमित प्रेरणास्रोत पीठ (चेयर) की स्थापना के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन सचिव पवन कुमार व कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की।
इस मौके पर डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित पीठ कदाचित देश में अपनी तरह की पहली पीठ है। इस पीठ के माध्यम से शोधार्थी दत्तोपंत ठेंगड़ी के आर्थिक, सामाजिक व पर्यावरणीय सिद्धांतों का मूल्यांकन, विश्लेषण तथा उन पर शोध करके राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देंगे। उन्होंने इस पीठ के उद्देश्यों की सफलता के लिए विश्वविद्यालय को शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय संगठन सचिव पवन कुमार ने भारतीय मजदूर संघ के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 23 जुलाई 1955 को दत्तोपंत ठेंगड़ी ने भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की थी। यह गैर-पंजीकृत लेकिन मान्यता प्राप्त संगठन है, जिससे छह हजार से ज्यादा यूनियन जुड़ी हुई हैं। उन्होंने बताया कि भारत में कुल लगभग 50 करोड़ मजदूर व कर्मचारी हैं। इसमें से केवल सात प्रतिशत ही संगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं। अन्य क्षेत्रों में मजदूरों का शोषण होता है। दत्तोपंत ठेंगड़ी के सिद्धांतों पर चलकर इस शोषण को रोका जा सकता है। इस शोध पीठ में शोधार्थी ठेंगड़ी के मानव, समाज व राष्ट्र उपयोगी सिद्धांतों पर नए शोध करेंगे। उन्होंने बताया कि ठेंगड़ी के विचार उनकी पुस्तकों में झलकते हैं, जिससे पता चलता है कि राष्ट्र उनके सिद्धांतों को अपनाते हुए आगे बढ़ रहा है। ठेंगड़ी के सिद्धांत, उनके विचार व उनका दृष्टिकोण आज और भी अधिक प्रासांगिक है। उनके सिद्धांत हमारे देश के आर्थिक व सामाजिक निर्णयों को प्रभावित कर रहे हैं।
इस माैके पर कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि सबका साथ सबका विकास तथा वोकल फोर लोकल जैसे अभियान ठेंगड़ी के सिद्धांतों की ही देन हैं। राष्ट्रवाद को प्राथमिकता देने वाले दत्तोपंत ठेंगड़ी का विनिवेश योजना का सिद्धांत अत्यंत प्रभावशाली है। ठेंगड़ी ने स्वदेशी जागरण मंच की स्थापना भी की थी। कुलपति ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग तथा अन्य उपलब्धियों के बारे में भी बताया।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया। डा. इंद्रेश कुमार ने विश्वविद्यालय के गुरु जम्भेश्वर महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान परिसर में पौधारोपण भी किया। इस उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय के डाॅ. भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय में एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। विश्वविद्यालय के शिक्षक व गैरशिक्षक सदस्यों (अनुसूचित जाति वर्ग) ने डाॅ. इंद्रेश कुमार को सम्मानित किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर / सुनील कुमार सक्सैना
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