गुरुग्राम: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने धर्म व सम्मान की रक्षा के लिए त्याग की दी प्रेरणा: नायब सिंह सैनी

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गुरुग्राम: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने धर्म व सम्मान की रक्षा के लिए त्याग की दी प्रेरणा: नायब सिंह सैनी


-खालसा पंथ की स्थापना ने लोगों में साहस और बलिदान की भावना पैदा की

-मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में गुरुद्वारे में टेका मत्था, लोगों को वैसाखी की दी शुभकामनाएं

-नायब सिंह सैनी ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

-कुरुक्षेत्र में 4 एकड़ क्षेत्र में सिख संग्रहालय स्थापित करने की कही बात

गुरुग्राम, 13 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने 13 अप्रैल, 1699 को खालसा पंथ की स्थापना करके लोगों में साहस और बलिदान के साथ जीने की भावना पैदा की। उन्होंने वीरता और वीर भावना को आध्यात्मिक सोच के साथ जोडक़र समाज को एक नई दिशा दी। वे रविवार को यहां साउथ सिटी-1 स्थित गुरुद्वारा में साध संगत को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे में मत्था टेका और सभी को इस पावन दिन की बधाई दी। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी व गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा भी इस दौरान उपस्थित रहें।

सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि वैसाखी एक बहुत ही सुंदर त्योहार है, जिसे पूरे उत्तर भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। वैसाखी का त्यौहार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। खरीफ की फसल पकने की खुशी का प्रतीक होने के कारण यह त्यौहार किसानों के लिए बहुत महत्व रखता है। सैनी ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने अन्याय और अत्याचार से लडऩे के लिए वैसाखी के दिन 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। उस समय देश पर मुगलों का शासन था। वे लोगों पर भयंकर अत्याचार कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खालसा पंथ की नींव रखते समय श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने देश की पांच अलग-अलग जातियों और पांच अलग-अलग क्षेत्रों से पंच प्यारों को शामिल किया था। फिर उन्होंने सभी को एक ही बर्तन से अमृत पिलाकर भेदभाव को समाप्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व तथा वर्ष 2017 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। वर्ष 2022 में श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व मनाया गया और पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र में 4 एकड़ क्षेत्र में सिख संग्रहालय स्थापित किया जाएगा, ताकि सिख समुदाय अपने इतिहास से जुड़ा रह सके। आने वाली पीढिय़ों को हमारे गुरुओं के महान बलिदानों के बारे में जानकारी मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इतिहास की कई घटनाएं वैसाखी के त्यौहार से भी जुड़ी हुई हैं। 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर ने शांतिप्रिय नागरिकों की निर्मम गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड ने स्वतंत्रता सेनानियों को ब्रिटिश सरकार से बदला लेने के लिए और अधिक प्रतिबद्ध बना दिया, जिसके कारण 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश जलियांवाला बाग के महान शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।

इस अवसर पर उन्होंने हरियाणा की जनता और हरियाणा सरकार की ओर से जलियांवाला बाग के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम गुरुद्वारा वर्ष 2000 में जमीन के एक छोटे से टुकड़े पर शुरू हुआ था, लेकिन गुरुओं के आशीर्वाद से आज यह विशाल हो गया है। भविष्य में यह और भी भव्य बनेगा। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा उनके समक्ष जो भी मांगें रखी गई हैं, उन्हें जल्द ही पूरा किया जाएगा, जिसमें अतिरिक्त जमीन की मांग भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे के लिए 21 लाख रुपये के अनुदान की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा द्वारा चलाए जा रहे वेलनेस सेंटर में नेक सेवा की जा रही है, क्योंकि बड़ी संख्या में गरीब मरीज रोजाना इसकी ओपीडी में आते हैं और इलाज कराते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

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