जींद: गांवों में एडीजीपी की नशा मुक्ति टीम ने नशे से पीडि़त लोगों की पहचान
जींद, 11 मार्च (हि.स.)। एडीजीपी की नशा मुक्ति टीम ने सोमवार को किशनपुरा व गोविंदपुरा गांव में सोमवार को डोर टू डोर जाकर नशे से पीडि़त लोगों की पहचान की। इसमें नशामुक्ति कमेटी के सदस्य, आंगनबाड़ी वर्कर व आशा वर्कर भी साथ रही। इस दौराना गांव में नशे से पीडि़त लोगों की पहचान करके डोजियर फार्म भरे गए। इस दौरान गांव के प्रत्येक चौक चौराहे पर लोगों को नशे के बारे में जागरूक किया। यह अभियान एडीजीपी हिसार मंडल डा. एम रवि किरण के निर्देशों पर चलाया गया। अभियान चलाने का लक्ष्य है कि जिले को नशा मुक्त किया जा सके।
टीम इंचार्ज नरेश ढांडा ने बताया कि किशनपुरा गांव में दो युवाओं को चिट्टे की तो एक को गांजे की लत मिली। इससे तीनों ने टीम को इलाज करवाने के लिए संपर्क किया। इस अभियान के तहत सर्वे कर क्षेत्र में ड्रग तस्करों की पहचान कर उसकी सूची तैयार की जा रही है। टीम अब शहर के साथ लगते गांवों में अभियान चलाकर इन गांवों को ड्रग मुक्त करने की दिशा में काम करेगी। शहर के पास लगते गांव बिशनपुरा, किशनपुरा, अनूपगढ़, अशरफ गढ़, किनाना, बराड़ खेड़ा, बुआना, गोविंदपुरा, बिरौली, बीड़ वाली ढाणी और रामगढ़ गांव में जाकर यह अभियान चलेगा।
इस अभियान के तहत इन सभी गांवों में नशा करने वाले युवाओं की पहचान की जाएगी। इसके बाद इनकी काउंसिलिंग कर इलाज शुरू करवाया जाएगा। इस कार्य के लिए 31 मार्च तक का टीम को समय दिया गया है। टीम ने नर्सिंग कॉलेज जींद में छात्र और छात्राओं को भी नशे के बारे में जागरूक किया। इस दौरान टीम ने इन गांवों में नशे से होने वाले सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार//संजीव
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