जींद: चुनाव ड्यूटी पर मृत्यु होने पर मिलेगी एक्सग्रेशिया के तहत सहायता
जींद, 5 मई (हि.स.)। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय दिशा निर्देशों के अनुसार चुनाव रैलियों के लिए राजनैतिक पार्टियों व चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को स्कूल व कॉलेजों के खेल के मैदान का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने रविवार को बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए रैलियां की जाती हैं। हरियाणा व पंजाब को छोड़कर अन्य प्रदेशों व केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल प्रबंधन की अनुमति से खेल मैदान उपयोग किया जा सकेगा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा इस मुद्दे पर हरियाणा में व्यक्त निषेध (एक्सप्रेस प्रोहिबिशन) लगा रखा है।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म, समुदाय के आधार पर मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित नहीं किया जा सकता है। इस दौरान किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य धार्मिक स्थल का चुनाव प्रचार के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। चुनाव ड्यूटी के दौरान पोलिंग, सुरक्षा कर्मियों के परिवारजन को एक्सग्रेशिया के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। ड्यूटी के दौरान हिंसक घटनाओं, बम ब्लास्ट या आतंकवादी घटनाओं या गोलीबारी इत्यादि के कारण मृत्यु हो जाने पर परिवारजन को 30 लाख रुपये दिए जाएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव ड्यूटी के दौरान किसी कारण से मृत्यु हो जाने पर परिजनों को एक्सग्रेशिया के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। ड्यूटी पर किसी अन्य कारणों से मृत्यु हो जाने पर 15 लाख रुपये, असामाजिक तत्वों के हमले के कारण कर्मचारी के स्थायी दिव्यांगता होने पर परिवारजन को 15 लाख रुपये तथा शरीर के किसी अंग या आंखों की दृष्टि जाने की स्थिति में 7.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता परिवारजनों को प्रदान की जाएगी।
चुनाव ड्यूटी के दौरान दी जाने वाली यह एक्सग्रेशिया राशि केंद्रीय गृह मंत्रालय या राज्य सरकार या अन्य नियोक्ता द्वारा दी जाने वाले अनुकंपा राशि से अतिरिक्त होगी। उन्होंने बताया कि अनुकंपा राशि की प्रक्रिया शुरू करने की जिम्मेवारी जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक की होगी और कर्मचारी की मृत्यु, दिव्यांगता इत्यादि होने की घटना की तिथि से 10 दिन के अंदर-अंदर आरंभ करनी होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा एक माह के भीतर संबंधित मामले का निपटान सुनिश्चित किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव
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