फरीदाबाद: ईराक के पार्किंसन मरीज की सफल सर्जरी, दिमाग में डाला गया पेसमेकर

फरीदाबाद: ईराक के पार्किंसन मरीज की सफल सर्जरी, दिमाग में डाला गया पेसमेकर
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फरीदाबाद: ईराक के पार्किंसन मरीज की सफल सर्जरी, दिमाग में डाला गया पेसमेकर


फरीदाबाद, 10 फरवरी (हि.स.)। ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल में एक बेहद दुर्लभ सर्जरी की गई है। सात साल से पार्किंसन की बीमारी से जूझ रहे ईराक हातिम की सर्जरी कर दिमाग में पेसमेकर डाला गया। दुर्लभ सर्जरी के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ है। इस सफल सर्जरी को अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग चेयरमैन डॉ. रोहित गुप्ता, न्यूरो सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉ. विक्रम दुआ और डॉ. रवि शेखर की टीम ने अंजाम दिया।

शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. विक्रम दुआ ने बताया कि ईराक निवासी 59 वर्षीय हातिम सात साल से पार्किंसन की बीमारी से पीडि़त था। उसे बीमारी की शुरुआत में कंपकंपी और ब्रैडकिनेसिया (चलने-फिरने में कठिनाई) की परेशानी हुई और बाद में उसमें कठोरता आ गई। दवाओं के साथ उसका इलाज किया जा रहा था लेकिन उसके लक्षण बिगड़ते रहे और वह जो दवाएं ले रहा था। उससे साइड इफेक्ट होने लगे। बिना दवाओं के वह न तो ठीक से चल पाता था और न करवट लेता था और न ही बिस्तर से उठ पाता था।

पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि पार्किंसन की बीमारी लोगों में तेजी से बढ़ रही है। खासकर युवाओं में पार्किंसन बीमारी के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। शुरुआती सालों में इसके लक्षण काफी धीमे होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। इसके चार मुख्य लक्षण हैं। इसमें हाथ, बाजू, टांगों, मुंह और चेहरे में कंपकपाहट होना, जोड़ों या हरकतों में धीमापन और संतुलन व तालमेल बिगडऩा शामिल हैं। शुरू में रोगी को चलने, बात करने और दूसरे छोटे-छोटे काम करने में दिक्कत महसूस होती है। यदि समय रहते बीमारी का इलाज शुरु कर दिया जाए तो उसे बढऩे से रोका जा सकता है और मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव

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