फरीदाबाद : घर की शोभा बढ़ाने के साथ बुरी नजर से बचाने का भी काम करते हैं, घाना के मास्क
फरीदाबाद, 16 फरवरी (हि.स.)। दक्षिण अफ्रीका के घाना में बने लकड़ी के मास्क घर की दीवार की शोभा बढ़ा सकते हैं। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में घाना से आई हस्तशिल्पी फ़ेलिसिया ने यह मास्क उनकी संस्कृति को दर्शाते हुए बनाए हैं। अधिकतर मास्क पर उनके देवी देवता बने हुए हैं। वह पहली बार भारत आए हैं और उन्हें बहुत ही स्नेह मिल रहा है।
उन्हें यहां का मसालेदार भोजन भी पसंद आ रहा है। यह उनके यहां की महिलाएं तैयार करती हैं और दो दिन में एक मास्क तैयार होता है। उनके पास 100 रुपए से लेकर 10 हज़ार तक का समान मिल रहा है। उनके मास्क घर की शोभा बढ़ाने के साथ बुरी नजर से बचाने का भी काम करते हैं। यह मास्क एबोनी, महोगन, शीशम, टीक सहित कई तरह की लकड़ी बने हुए हैं।
मास्क के ऊपर लगी पीतल की परत मास्क की शोभा को कई गुना कर देता है। फ़ेलिसिया ने कहा कि वे लोग आर्टिफिशियल आभूषण भी लेकर आए हैं। सूरजकुंड मेले में आने वाली महिलाएं इन आभूषण में विशेष रुचि दिखा रही हैं। यह सभी आभूषण पत्थर से तैयार किए गए हैं और उन पर रंग भर कर आकर्षक बनाया गया है। उनका कहना है कि वे अपने यहाँ की लकडियों से बनी कुर्सियाँ भी लेकर आई हैं, जिसकी कीमत 10 हजार रुपए रखी गई है। लोगो द्वारा सभी चीजें बेहद पसंद की जा रही हैं। उनके पास असली मोतियों के भी आभूषण हैं। उन्होंने बताया कि घाना के मोती अन्य देशों के मुकाबले अधिक चमकदार होते हैं। यह चमक 20 वर्षों तक बरकरार रहती है। इसके अलावा घाना के मोती अन्य देशों से मोटे भी होते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/सुमन
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