फरीदाबाद: सिर चढकऱ बोल रहा मोदी जैकेट का जादू, लुभा रहे खादी के उत्पाद
ड्राइंग रूम की शोभा बढ़ाने के लिए छोटा चरखा भी उपलब्ध
फरीदाबाद, 7 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वदेशी आंदोलन में जिस खादी को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था, उसी खादी का आधुनिक दौर में भी खूब क्रेज है। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में खादी और ग्रामोद्योग आयोग की ओर से छोटी चौपाल के पीछे लगी स्टॉल पर खादी के दीवानों को खादी के उत्पाद अपनी ओर खींच रहे हैं। इस स्टॉल पर देश-विदेश के पर्यटकों द्वारा मोदी जैकेट की खूब फरमाइश की जा रही है। यह जैकेट हर उम्र के पर्यटकों की पहली पसंद बन चुकी है। सभी कपड़े हाथ से कटे-बुने है।
इसके अलावा यहां पर कुर्ता, पाजामा, शर्ट तौलिए तथा ग्रामोद्योग के फेसवॉश, सैंपू, अगरबत्ती, हर्बल मेहंदी, शहद व तेल सहित सेंकड़ों तरह के आइटम मौजूद है। इस स्टाल पर महात्मा गांधी का चरखा कातते हुए का बड़ा फोटो लगाया गया है। साथ ही आगंतुकों के लिए ड्राइंग रूम की शोभा बढ़ाने के लिए बहुत की कम दाम पर छोटा चरखा भी उपलब्ध है।
पर्यटक इस चरखे को भी खूब पसंद कर रहे हैं। आजकल खादी का क्रेज बढ़ता जा रहा है। लोगों के इसी क्रेज के कारण स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। सरकार भी खादी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमन्त्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना से युवाओं को उद्योग खोलने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना के माध्यम से ऋण की राशि 2 से 10 लाख रुपए तक है। योजना के माध्यम से मिलने वाले ऋण पर ग्रामीण ईलाकों में 35 प्रतिशत और शहरी ईलाकों में 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव
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