जींद : पूर्व विधायक सुरजभान काजल कांग्रेस में शामिल
जींद, 27 दिसंबर (हि.स.)। जुलाना विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं जजपा के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी रहे सूरजभान काजल ने बुधवार को दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया है।
सूरजभान काजल ने गत 31 अक्टूबर को जींद में जेजेपी छोडने का ऐलान किया था। उनका आरोप था कि जजपा में उन्हें एवं कार्यकर्ताओं को कोई मान सम्मान नहीं मिला। जुलाना हलके के लोगों के सार्वजनिक काम भी वो नहीं करवा पा रहे थे। उन्होंने कई बार पार्टी हाईकमान व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला के सामने भी अपना पक्ष रखाए लेकिन उन्होंने भी उनकी बात को काई तव्वजो नहीं दी और ना ही उनके द्वारा दिये गये हलके के कामों पर ध्यान दिया। समर्थकों का उन पर लंबे समय से जजपा छोडने का दबाव था। इसलिए उन्होंने जेजपी को छोड़ दिया। काबिलेगौर है कि पूर्व विधायक सूरजभान काजल चैटाला परिवार के बेहद विश्वासपात्र नेताओं में शुमार थे।
वर्ष 2019 में इनेलो में हुई टूट के बाद वे जजपा में आ गये थे। जुलाना विधानसभा क्षेेत्र के हथवाला गांव निवासी सूरजभान काजल पेशे से वकील और किसान हैं। वे वर्ष 1991 में जनता पार्टी की टिकट पर जुलाना से कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार परमेंद्र सिंह ढुल को हराकर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद वर्ष 1996 में समता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और हविपा के सत्यनारायण लाठर से चुनाव हार गये। वर्ष 2004 में इनेलो सूप्रीमो ओमप्रकाश चैटाला ने तीसरी बार सूरजभान काजल को जुलाना से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन इस बार भी वे कांग्रेस के उम्मीदवार आईजी शेर सिंह से चुनाव हार गये। हार के बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चैटाला ने सूरजभान काजल को हरियाणा सरकार में केबिनेट स्तर देते हुए वित्त आयोग का चेयरमैन बनाया था। उसके बाद उन्हें इनेलो से टिकट नहीं मिल पाई। लेकिन वे लगातार पार्टी संगठन और जुलाना हलके राजनीति में सक्रीय रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव
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