हिसार : व्यापार शुरू करने के लिए प्रदेश की महिलाओं व छात्रों के लिए विशेष प्रावधान
एचएयू के एबिक सेंटर नेे बढ़ाई आवेदन की तिथि, बेरोजगार छात्रों, किसानों, महिलाओं व उद्यमियों के लिए सुनहरा अवसर
हिसार, 11 सितंबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित एग्री-बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर (एबिक) ने हरियाणा के छात्रों, उद्यमियों व किसानों से बिजनेस आइडिया मांगे हैं जो उनको कृषि व्यवसायी बनाने में अहम रोल अदा कर सकते हैं। अब एबिक ने पहल, सफल व छात्र कल्याण प्रोग्राम, जिसके अंतर्गत व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार की ओर से ग्रांट देने का प्रावधान है, में आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर 2024 तक बढ़ा दी है। इसके लिए उम्मीदवार को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.hau.ac.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने बुधवार को कहा कि इस सेंटर के माध्यम से युवा छात्र, किसान, महिला व उद्यमी मार्केटिंग, नेटवर्किंग, लाइसेंसिंग, ट्रेडमार्क व पेटेंट, तकनीकी व फंडिग से संबंधित प्रशिक्षण लेकर कृषि क्षेत्र में अपने स्टार्टअप को नया आयाम दे सकते हैं। इसके लिए छात्र कल्याण प्रोग्राम, ‘पहल’ एवं ‘सफल’-2024 नाम से तीन प्रोग्रामों का विवरण इस प्रकार हैं:
छात्र कल्याण प्रोग्राम: यह प्रोग्राम छात्रों के लिए पहली बार प्रारंभ किया गया है जो छात्रों को उद्यमी बनाने में मदद करेगा। इस प्रोग्राम के तहत केवल छात्र ही आवेदन कर सकते हैं चयनित छात्र को एक महीने का प्रशिक्षण व चार लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी। यह राशि चयनित छात्र को एकमुश्त दी जाएगी।
इस प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व पांच लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी। यह राशि चयनित उम्मीदवार को एकमुश्त दी जाएगी। इस प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व 25 लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी। यह राशि चयनित उम्मीदवार को दो किश्तों में दी जाएगी। उन्होंने बताया पिछले 5 सालों में 65 स्टार्टअप्स को केन्द्रीय कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा लगभग सात करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। कुलपति ने उक्त कार्यक्रमों से संबंधित विवरण पुस्तिका का विमोचन किया।
आवेदकों के लिए आयु व शिक्षा नहीं बनेगी बाध्य
आवेदक को अपने आइडिया का प्रपोजल एचएयू की वेबसाइट www.hau.ac.in पर ऑनलाइन आवेदन करना है जो कि निशुल्क है। इसके बाद उस आइडिया का यूनिवर्सिटी वैज्ञानिक व इंक्युबेशन कमेटी द्वारा एक महीने के प्रशिक्षण के लिए चयन किया जाएगा। एक महीने के प्रशिक्षण के बाद भारत सरकार द्वारा गठित कमेटी आवेदक के आइडिया को प्रस्तुत करवाएगी और चयनित आवेदक को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुदान राशि स्वीकृत की जाएगी।
प्रशिक्षित युवा स्वरोजगार के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी रोजगार दे पाएंगे
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर
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