हिसार : कापड़ो में दलित युवक की मौत पर हांसी पुलिस को नोटिस
सितंबर 2022 में हुए मर्डर मामले में पीड़ित पक्ष ने हांसी पुलिस पर लगाए थे गंभीर आरोप
हांसी पुलिस पर दलित की हत्या को दुर्घटना का रूप देने का आरोप
हिसार, 1 दिसंबर (हि.स.)। पिछले वर्ष सात सितंबर को जिले के गांव कापड़ो निवासी दलित युवक विक्रम की मौत मामले में जिला की विशेष अदालत ने हांसी पुलिस को नोटिस जारी किया है। इस संबंध में पीड़ित पक्ष ने हांसी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि विक्रम की हत्या हुई है जबकि हांसी पुलिस ने हत्या के इस मामले में दुर्घटना का रूप दे दिया।
मामले के अनुसार घटना के दिन विक्रम गंभीर रूप से घायल हालत में हांसी बरवाला रोड पर घिराय गांव के पास मजार के नजदीक संदिग्ध हालत में मिला था। जब उसे बरवाला सरकारी अस्पताल में ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में विक्रम की पत्नी ने हांसी सदर थाना में गांव सिंघवा राघो के एक जमींदार बलजीत के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था जिसके पास मृतक विक्रम कृषि मजदूर के रूप में काम करता था।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता रजत कलसन ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में पीड़ित पक्ष ने सिविल अस्पताल हिसार में न्याय के लिए करीबन दो सप्ताह तक धरना प्रदर्शन किया था तथा इस मामले में पुलिस ने पीड़ित पक्ष के समर्थन में आए सामाजिक कार्यकर्ताओं के ऊपर लाठीचार्ज किया था। उन्हीं के ऊपर हत्या प्रयास जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
कलसन ने बताया कि इस मामले में हांसी की तत्कालीन एसपी नितिका गहलोत ने हांसी के डीएसपी विनोद शंकर की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम गठित की थी तथा इस जांच टीम ने अदालत में गोलमाल व अस्पष्ट रिपोर्ट पेश की जिसमें पुलिस स्पष्ट रूप से यह बता ना सकी कि यह मामला हत्या का था या दुर्घटना का। जांच अधिकारी विनोद शंकर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह मामला दुर्घटना का प्रतीत हो रहा है परंतु जांच अधिकारी इस मामले में कोई ठोस सबूत अदालत के सामने नहीं रख सके। जांच टीम ने मामले में अदालत में अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल की है जबकि पीड़ित पक्ष ने इस मामले में सीधे-सीधे गांव सिंघवा राघो के जमीदार बलजीत सिंह के खिलाफ हत्या के संगीन आरोप लगाए थे।
शुक्रवार को अदालत में पीड़ित पक्ष द्वारा इस मामले की पुनः जांच के लिए याचिका प्रस्तुत की गई। याचिका पर बहस करते हुए पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता रजत कल्सन ने अदालत को बताया कि हत्या जैसे गंभीर आरोप के केस में पुलिस अदालत को सुझाव दे रही है कि यह मामला दुर्घटना का प्रतीत होता है जबकि एफआईआर में आरोपी के खिलाफ सीधे आरोप लगाए गए हैं तथा ऑडियो रिकॉर्डिंग जैसे सबूत पुलिस को दिए गए थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष अदालत के जज विवेक सिंगल ने इस मामले में हांसी पुलिस को नोटिस जारी करते हुए 9 जनवरी को इस मामले की ताजातरीन रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
याचिका में पीड़ित पक्ष ने सिंघवा राघो के जमींदार बलजीत सिंह, जिसके पास मृतक विक्रम सीरी के तौर पर काम करता था, उस पर हत्या के आरोप लगाए हैं तथा आरोपों में कहा गया है कि मृतक विक्रम का हत्यारोपी बलजीत की पुत्री के साथ साधारण बातचीत थी तथा शक के आधार पर जमीदार बलजीत ने विक्रम की हत्या कर दी और उसे मारकर सड़क के किनारे फेंक दिया ताकि हत्या को दुर्घटना का रूप दिया जा सके। पीड़ित परिजनों ने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस आरोपियों के साथ मिल गई तथा केस में गोल-गोल व फर्जी रिपोर्ट तैयार करके उनके द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे को बंद कर दिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर
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