झज्जर: लगातार खराब हो रहा मिट्टी का स्वास्थ्य, इस बार लिए गए 2600 नमूने
-13 गांवों के खेतों से लिए गए हैं मिट्टी के नमूने
-पिछले वर्ष सभी गांवों से लिए गए थे मिट्टी के 15 हजार सेंपल
झज्जर, 4 दिसंबर (हि.स.)। क्षेत्र में मिट्टी की सेहत लगातार कमजोर हो रही है। पिछले वर्ष 15 हजार से अधिक सैंपल लिए गए। कृषि विभाग ने नमूनों की जांच कराई है। जांच में पता चला कि मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन कम हो रहा है। मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, कार्बन, जिंक, आयरन, कापर, मैग्निशियम, बोरान, मैग्नीज समेत 16 तत्व होते हैं। आक्सीजन, कार्बन और हाइड्रोजन तो पौधे को वायुमंडल व जल से मिल जाते हैं। अन्य शेष तत्वों के लिए पौधे भूमि पर ही निर्भर रहते हैं।
पिछले वर्ष सभी गांवों से मिट्टी के सैंपल लिए गए थे। जबकि इस बार कृषि विभाग की ओर से क्षेत्र के 13 गांवों से नमूने लिए गए हैं। जिन्हें जांच के लिए लैब में भेजा गया है। एक से डेढ़ महीने में इनकी रिपोर्ट आएगी। यूरिया के अधिक इस्तेमाल से भूमि का पीएच मान भी बढ़ रहा है। औसत मानक 6.5 से 8.5 तक होना चाहिए। अधिकांश सेंपल की रिपोर्ट में पीएच 8.45 के आसपास है। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार पीएच औसत से कम या ज्यादा होने यानी दोनों स्थिति में फसल उत्पादन प्रभावित होता है। बहादुरगढ़ कृषि विभाग में 69 गांव आते हैं।
बहादुरगढ़ में कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी डाॅ.सुनील कौशिक ने बताया कि इस बार मिट्टी के नमूने कानोन्दा, आसौदा टोडराण, रोहद, निलोठी, छारा, आसंडा, मांडोठी, छुड़ानी, बादली, बाढ़सा, बुपनियां, सौलधा व ईस्सरहेड़ी से लिए गए हैं। 2600 नमूने इन गांवों से लिए गए हैं। इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है। जबकि 6 गांव बे-चिराग हैं। जिनमें खेड़का मुसलमान, सादपुर, हसनपुर, अगरपुर, माजरा आसंडा, हबीबपुर (बादली) है।
हिन्दुस्थान समाचार/ शील/संजीव