हिसार : साहित्यिक विधाओं पर हुई उपयोगी एवं प्रेरणादायक कार्यशाला

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हिसार : साहित्यिक विधाओं पर हुई उपयोगी एवं प्रेरणादायक कार्यशाला


हिसार, 4 नवंबर (हि.स.)। दयानंद कॉलेज में डिबेटिंग सोसायटी की ओर से साहित्यिक

विधाओं पर एक उपयोगी एवं प्रेरणादायक कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यशाला

विद्यार्थियों को साहित्य की विविध विधाओं जैसे कविता, निबंध, कहानी लेखन एवं आलोचना

से परिचित कराने तथा उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति को मजबूत बनाने के उद्देश्य से आयोजित

की गई, जो महाविद्यालय की समग्र शिक्षा नीति के अनुरूप है।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विक्रमजीत सिंह ने मंगलवार काे विद्यार्थियों

को संबोधित करते हुए साहित्य की शक्ति पर बल दिया। उन्होंने कहा कि साहित्यिक विधाओं

का अध्ययन न केवल बौद्धिक विकास करता है, बल्कि समाज को दिशा प्रदान करने का माध्यम

भी है। ऐसी गतिविधियां हमारे विद्यार्थियों को वैश्विक पटल पर प्रतिस्पर्धी बनाने में

महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्राचार्य ने कार्यशाला के आयोजन की सराहना की तथा डिबेटिंग

सोसाइटी को भविष्य में और अधिक रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया।

कार्यशाला में डिबेटिंग सोसाइटी की प्रभारी प्रोफेसर डॉ. शम्मी नागपाल ने साहित्यिक

विधाओं के मूल सिद्धांतों, रचनात्मक लेखन की तकनीकों तथा आधुनिक संदर्भों में उनकी

प्रासंगिकता पर विस्तृत व्याख्यान दिया। इसी क्रम में डॉ. छवि मंगला ने साहित्य के

माध्यम से सामाजिक मुद्दों को उजागर करने की कला पर प्रकाश डाला। इन व्याख्यानों ने

विद्यार्थियों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान किया, अपितु व्यावहारिक अभ्यास के

माध्यम से उनकी बहस एवं लेखन कौशल को निखारने में भी सहायक सिद्ध हुए। कार्यक्रम में

सांस्कृतिक गतिविधियों के डीन प्रो. विजय सिंह ने साहित्य एवं संस्कृति के अंतर्संबंध

पर अपने विचार रखे।

इस अवसर पर डॉ. रेनू राठी, डॉ. संगीता शर्मा, डॉ. सुरुचि शर्मा, डॉ. सुरेंद्र

बिश्नोई, डॉ. सुमंगला वशिष्ठ, डॉ. नीरू बाला, डॉ. चेतन शर्मा, डॉ. हेमंत शर्मा एवं

प्रो. शालू रानी, डॉ. माया, डॉ. रितू सरदाना, रोहित, डॉ. संतोष रानी, डॉ. सुमन भांभू,

सोनम, बृजेन्द्र, राजू ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में

विद्यार्थी उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यशाला के अंत में साहित्यिक विधाओं पर आधारित

समूह चर्चा एवं लेखन सत्र में उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह आयोजन महाविद्यालय की परंपरा

के अनुरूप साहित्यिक चेतना को जागृत करने में सफल रहा।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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