हिसार : आपात परिस्थितियों में काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा होगी और मजबूत
गुजवि सहायक प्रोफेसर ने की डिवाइस निर्मित, भारत सरकार से मिला डिजाइन पेटेंट
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा विश्वविद्यालय : नरसी राम बिश्नोई
हिसार, 25 सितंबर (हि.स.)। आपातकालीन परिस्थितियों में काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा अब और अधिक मजबूत होगी। ऐसे व्यक्तियों पर आने वाले खतरे को भांपने के लिए गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. नवदीप मोर ने एक डिवाइस निर्मित की है। डा. नवदीप मोर की 'वियरेबल डिजास्टर एमरजेंसी कम्युनिकेशन डिवाइस' को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा डिजाइन पेटेंट मिला है। डा. नवदीप मोर बुधवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई से मिले और उन्हें पेटेंट प्रमाण पत्र सौंपा। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. आशा गुप्ता भी उपस्थित रही।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सिविल इंजीनियरिंग विभाग व डा. नवदीप मोर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि गुजविप्रौवि लगातार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। विश्वविद्यालय में शोध के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसी के परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय के शिक्षक नए-नए शोध कर रहे हैं तथा उनका पेटेंट करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का सिविल इंजीनियरिंग विभाग नया विभाग है। विभाग के शिक्षक डा. नवदीप मोर को इसी महीने में दूसरा पेटेंट प्राप्त हुआ है। इस पेटेंट से विश्वविद्यालय के साथ-साथ विभाग की पहचान और मजबूत होगी।
विभागाध्यक्षा प्रो. आशा गुप्ता ने भी शिक्षक डा. नवदीप मोर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक पढ़ाई के साथ-साथ शोध व अन्य गतिविधियों में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं तथा विश्वविद्यालय के साथ-साथ विभाग को भी गौरवान्वित कर रहे हैं। सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रोजगार के साथ-साथ शोध की भी अपार संभावनाएं हैं।
शोधकर्ता डा. नवदीप मोर ने बताया कि यह डिवाइस पेंडेंट बेल्ट या हाथ की घड़ी में लगाया जा सकता है तथा आपातकालीन परिस्थितियों में निर्माण साइट पर काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा को बढ़ावा देती है। इस डिवाइस में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और इमेज प्रोसेसिंग तकनीक का प्रयोग हुआ है, जो कि आने वाले खतरे को भांप लेते हैं। उस परिस्थिति के अनुसार काम कर रहे व्यक्ति को अलर्ट कर देते हैं तथा आपदा प्रबंधन में उपयोगी होते हैं। यह तकनीक सेंसर के माध्यम से लो-पावर वाइड एरिया नेटवर्क तकनीक के तहत संकेत दे सकती है, जिसे वाईफाई या ब्लूटूथ द्वारा भी कनेक्ट किया जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर
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