कैथल: एसडीएम कार्यालय से निर्वाचन आयोग की वेबसाइट का पासवर्ड लीक होने पर एफआईआर
-एसडीएम की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला,पुलिस का आईटी सेल जांच में लगा
-निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एनकोर पोर्टल पर आवेदन पर की गई थी अभद्र टिप्पणी लिखी थी गलियां
-पांच ऑपरेटर्स की नौकरी पर लटकी तलवार
कैथल, 6 अप्रैल (हि.स. )। आम आदमी पार्टी की ओर से चुनावी रैली के लिए मांगी गई परमिशन के ऑनलाइन आवेदन को रद्द करने और गलियां लिखने के मामले में पुलिस ने शनिवार को एसडीएम की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस विभाग का आईटी सेल पूरे मामले की तह तक जाने के लिए जांच में लगा हुआ है। मामला सामने आने पर एसडीएम ब्रह्म प्रकाश ने शुक्रवार को अपने कार्यालय के सभी कंप्यूटर ऑपरेटर को सस्पेंड कर दिया था। इसमें चार कंप्यूटर ऑपरेटर व एक जूनियर प्रोग्रामर शामिल है।
कैथल निवासी शुभम राणा ने आम आदमी पार्टी की कैथल में रैली की परमिशन लेने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एनकोर पोर्टल किए गए आवेदन पर एआरओ की वेबसाइट का इस्तेमाल करके लिखा गया था कि कोनी देंदे। उसके नीचे का दूसरे कॉलम में गालियां लिखी गई थी। पुलिस को दी शिकायत में असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर व एसडीएम ब्रह्म प्रकाश ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा जारी इनकार पोर्टल पर रैली की परमिशन के लिए ऑनलाइन प्रार्थना पत्र 3 अप्रैल को प्राप्त हुआ था। जिस पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने एआरओयूजर्स का दुरुपयोग करते हुए दोनों आवेदनों में पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रद्द कर दिया और फोटो अपलोड कर दी। पूरा मामला सामने आने पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील गुप्ता ने भाजपा पर जिला प्रशासन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
ट्रेनिंग के दौरान पासवर्ड लीक हुआ या किसी कर्मचारी की करतूत
जिला सूचना अधिकारी दीपक खुराना ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि दोनों ही रद्द प्रार्थना पत्रों की रिपोर्ट पर कोई डेट और टाइम नहीं है। उन्होंने संभावना जताई है कि 3 अप्रैल को होने निर्वाचन विभाग की ओर से आयोजित ट्रेनिंग मेंएआरओ व कार्यालय में नियुक्त आईटी टीम के कर्मचारियों ने भाग लिया था। जिस आवेदन पर टिप्पणी की गई है। उसी को डेमो के रूप में प्रयोग करते हुए पोर्टल के बारे में समझाया गया था। शायद इस समय किसी ने यूजर आईडी और पासवर्ड चुरा लिया हो। पुलिस भी अब इसी एंगल को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है। साइबर सेल के प्रभारी शिव कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस पहले आरो कार्यालय का सभी रिकॉर्ड अपने कब्जे में लेगी। सभी ऑपरेटर के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। उसके बाद किसने यूजर आईडी का दुरुपयोग किया है। इस बात का पता पुलिस लगाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/संजीव
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