हिसार: कीट प्रबंधन के लिए पर्यावरण हितैषी तकनीकों का प्रचार करें वैज्ञानिक: कम्बोज

हिसार: कीट प्रबंधन के लिए पर्यावरण हितैषी तकनीकों का प्रचार करें वैज्ञानिक: कम्बोज
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हिसार: कीट प्रबंधन के लिए पर्यावरण हितैषी तकनीकों का प्रचार करें वैज्ञानिक: कम्बोज


एचएयू में 21 दिन से चल रहा रिफ्रेशर कोर्स सम्पन्न

हिसार, 17 फरवरी (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि वर्तमान में बदलते जलवायु परिप्रेक्ष्य में फसलों पर कीटों की नई प्रजातियों का आक्रमण वैज्ञानिकों के लिए चुनौती है। इसलिए वैज्ञानिकों को इन सब पहलुओं को ध्यान में रखकर अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए। वे शनिवार को विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग में 21 दिवसीय रिफ्रैशर कोर्स के समापन अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

यह कोर्स नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वाधान में विश्वविद्यालय एवं सेंटर फॉर एडवांस फेकल्टी ट्रेनिंग (सीएएफटी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। इसका मुख्य विषय ‘रिसेंट एडवांसिज इन इकोफ्रेंडली मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप पैस्टस्’ था। कुलपति ने कहा कि किसान जानकारी व जागरूकता के अभाव में बिना वैज्ञानिक सलाह के फसलों में अंधाधुंध कीटनाशकों व रसायनों का मिश्रित छिडक़ाव कर रहे हैं, जिसके कारण मित्र कीट खत्म हो रहे हैं एवं पर्यावरण संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो रही है।

इन समस्याओं के निवारण के लिए वैज्ञानिकों को ऐसे प्रबंधन उपायों की खोज करनी चाहिए, जिससे कि कीटों पर नियंत्रण भी हो साथ ही मनुष्य के स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए सुरक्षित हो। उन्होंने वैज्ञानिकों से वर्तमान समय की कीट समस्याओं को ध्यान में रखकर ही अनुसंधान कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे एकीकृत नाशजीवी प्रबंधन के लिए पर्यावरण हितैषी उन्नत तकनीकों का विकास के साथ-साथ उनका प्रचार-प्रसार करें।

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने प्रशिक्षुओं को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने जैविक खेती व रसायनों के आवश्यकता आधारित एवं विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में शोध कार्य करने पर बल दिया। इससे पूर्व प्रशिक्षण संयोजक डॉ. दीपिका कलकल ने रिफ्रेशर कोर्स के तहत हुई विभिन्न गतिविधियों, रूपरेखा सहित अन्य संबंधित जानकारियां साझा की। उपरोक्त प्रशिक्षण में देश के छह राज्यों के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों से 17 वैज्ञानिकों ने भाग लिया। प्रशिक्षण संयोजक डॉ. हरीश कुमार ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारीगण सहित इससे जुड़े समस्त महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, विभिन्न कीट वैज्ञानिक सहित कोर्स को-ओर्डिनेटर वरूण सैनी भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वरराष्ट्रीय

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