हिसार : योग शब्दानंद महाराज की स्मृति में हुआ सत्संग
सुख में भी भगवान को नहीं भूलना चाहिए : संत रामानंद
हिसार, 16 अगस्त (हि.स.)। शांति नगर स्थित परमहंस श्रीयोग दरबार ब्रह्मज्ञान मंदिर में ब्रह्मलीन योग शब्दानंदजी महाराज के स्मृति दिवस पर सत्संग व भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर सात दिन पूर्व रखी गई भागवत कथा का समापन किया गया। मंदिर प्रांगण में हवन किया गया जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने आहुति डाली।
इससे पूर्व शुक्रवार को डोगरान मौहल्ला कुटिया से संत रामानंद के सान्निध्य में भागवत के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। यात्रा में शामिल रथ को रास्ते भर श्रद्धालुओं ने अपने हाथों से खींचा। शोभा यात्रा में अनेक संतों सहित श्रद्धालुओं ने भजन गाते हुए भाग लिया। सभी विद्वानों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए कहा कि गुरुदेव की महिमा अपरम्पार है। गुरु सदैव अपने शिष्य को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हंै। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां सदा एक जैसी नहीं रहती। दुख-सुख मनुष्य को अपने कर्मों के हिसाब से भोगने पड़ते हैं। दुख आने पर तो भगवान याद आते हैं परंतु सुख में भी भगवान को नहीं भूलना चाहिए। दुख जाने के बाद जो सुख मिलता है, उसका सुखद अनुभव होता है। इसी तरह गुरुदेव भी अपने शिष्यों पर कृपा बरसाते रहते हैं। सत्संग के समापन पर सभी श्रद्धालुओं ने आरती की।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA
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