सोनीपत में संत श्री सीताराम जी महाराज बने महामंडलेश्वर


सोनीपत, 24 मार्च (हि.स.)। सोनीपत
के श्री बालाजी मंदिर, कृष्णा नगर, बहालगढ़ के पीठाधीश्वर संत श्री सीताराम जी महाराज
को संत समाज ने महामंडलेश्वर की प्रतिष्ठित उपाधि से सम्मानित किया है। महामंडलेश्वर
श्री सीताराम जी ने इसे अपने जीवन का सबसे अनमोल क्षण बताया। उन्होंने कहा कि संत समाज
द्वारा दी गई यह उपाधि उनके लिए गर्व की बात है। वे धर्म के प्रचार के लिए समर्पित
रहेंगे और जीवन को धर्म के मार्ग पर न्योछावर करेंगे। उनका मानना है कि धर्म आत्मिक
शांति और मुक्ति का मार्ग है, जो सौभाग्यशालियों को प्राप्त होता है।
रविवार
को सोनीपत के विधायक निखिल मदान ने कहा कि श्री सीताराम जी का महामंडलेश्वर बनना उनके
और जिले के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने लोगों से धर्म के मार्ग पर चलकर संतों का
आशीर्वाद लेने की अपील की, ताकि जीवन में सकारात्मक बदलाव आए। वहीं, सोनीपत के महापौर
राजीव जैन ने इसे सौभाग्य का क्षण बताया और कहा कि वे कई बार महामंडलेश्वर जी का आशीर्वाद
ले चुके हैं। समारोह में श्री बालाजी मंदिर की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें
संत समाज ने श्री सीताराम जी को गुलाल लगाकर, पुष्प और गुलदस्ते भेंट कर शुभकामनाएं
दीं।
इस शुभ
अवसर पर परम पूज्य पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी अशनील जी महाराज, जो पंजाब प्रमुख श्री
आदि शंकराचार्य परिषद, हरिद्वार के उपाध्यक्ष, सूर्यवंशी इंटरनेशनल अखाड़ा के राष्ट्रीय
महासचिव और काली सेना, हरिद्वार के पदाधिकारी हैं, सहित अनेक संत उपस्थित थे। इनमें
नागा बाबा रामशरण दास (सती धाम, भैंसरू कला, रोहतक), स्वामी महंत सुखबीर दास (निराकार
ज्योति धाम, खड़क राम जी), महामंडलेश्वर साध्वी राधिका सरस्वती (नीलकंठ धाम, लखनऊ)
और स्वामी संजय ब्रह्मचारी (सतगुरु गरीबदास आश्रम, गढ़ी बिंदरौली, सोनीपत) जैसे प्रमुख
संत शामिल थे। सैकड़ों संतों के साथ-साथ सोनीपत जिले के राजनीतिक और सामाजिक गणमान्य
लोग भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना